न्यूज नेशन पर रात नौ बजे समय होता 'खोज खबर' का, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने सबसे बड़ी बहस में मौलाना साद के कितने गुनाह, 'कोरोना वाली फैक्ट्री' के आका पर सवाल, मौलाना साद के पाखंड का पर्दाफाश, मुस्लिमों को भटका रहे मौलाना साद मुद्दे पर चैनल पर आए मेहमानों के साथ चर्चा की. इस बहस मेंउलेमा काउंसिल मौलाना नदीमुद्दीन, राजनीतिक विश्लेषक अंबर जैदी, इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासमी, तबलीगी जमात समर्थक जेबा खान, सामाजिक कार्यकर्ता निघत अब्बास, तबलीगी जमात के सदस्य मुजबिर रहमान ने हिस्सा लिया है.
तबलीगी जमात के सदस्य मुजबिर रहमान ने कहा कि जमात से हिन्दुस्तान के लाखों लोग जुड़े हैं उनके स्वागत में एक नहीं कई गाड़ियां आ जाएंगी. मौलाना कादिरी को किसी को कुछ कहने का सर्टिफिकेट नहीं मिला है. इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता निघत अब्बास ने कहा कि मौलाना साद को जेल में डाल देना चाहिए. देश में दोबारा लॉकडाउन तबलीगी जमात की वजह से बढ़ा है.
निघत अब्बास ने आगे कहा कि मुसलमान गलत नहीं है यहां पर मौलाना साद गलत है. जमात के सभी लोग गलत नहीं हैं, बल्कि जो थूक रहे हैं वे गलत हैं. हमलोग आज से मौलाना साद को इस्लाम से बर्खास्त करते हैं. तबलीगी जमात समर्थक जेबा खान ने कहा कि मौलाना साद को खोजने का काम पुलिस प्रशासन का है. सिर्फ मौलाना साद ही नहीं, कई और मुसलमान हैं तो अच्छे काम कर रहे हैं. मौलाना साद ने क्या किया, इस पर गृह मंत्रालय और पुलिस को जांच करनी चाहिए.
राजनीतिक विश्लेषक अंबर जैदी ने कहा कि मौलाना साद का आडियो आ रहा है तो वे क्यों नहीं सामने आ रहे हैं?. मौलाना साद का आडियो आ रहा है तो वे क्यों नहीं सामने आ रहे हैं?. मुफ्ती वजाहत कासमी ने आगे कहा कि इस्लाम सीखाता है कि संकट के समय में अपने घरों में नमाज पढ़ें. कई मौलाना अपने हिसाब लोगों के सामने बातें करते हैं, जोकि गलत है.
उलेमा काउंसिल मौलाना नदीमुद्दीन ने आगे कहा कि मौलाना साद की गलती को मुसलमान से नहीं जोड़ना चाहिए. लॉकडाउन के नियम तोड़ने वाले सभी लोगों पर NSA लगना चाहिए. मुफ्ती को हम पसंद नहीं करते हैं, क्यों हिन्दू-मुस्लिम में नफरत फैला रहे हैं.
Source : News Nation Bureau