सीबीआई की कार्यशैली से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कई कड़े सवाल पूछे. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से उसका सक्सेस रेट पूछा. सीबीआई से पूछा कि आज कितने केस हल किए हैं. इनमें कितनों की सजा दिलाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि सीबीआई के पास अभी पेंडिंग केस की संख्या क्या है. एक मामले में सीबीआई द्वारा 542 दिनों की देरी के बाद अपील दायर किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की. दरअसल, पीठ 2018 में सीबीआई द्वारा दायर एक साल से अधिक समय पर एक अपील से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया है कि वह उन मामलों की संख्या को कोर्ट के सामने रखें, जिनमें एजेंसी ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्टों में अभियुक्तों को दोषी ठहराने में सफल रही. दो जजों जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि एजेंसी के लिए केवल मामला दर्ज करना और जांच करना ही काफी नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि अभियोजन सफलतापूर्वक किया जाए.
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सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान काफी सख्त नजर आया. इस दौरान सीबीआई के कार्यप्रणाली को लेकर कई सख्त टिप्पणियां भी की गईं. पीठ ने कहा कि सीबीआई के लिए केवल मामला दर्ज करना और जांच करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि अभियोजन सफलतापूर्वक किया जाए. अदालत ने पहले की सुनवाई में कहा था कि 'कर्तव्यों को निभाने में घोर लापरवाही की एक गाथा' है, जिसके परिणामस्वरूप अदालतों में मामले दर्ज करने में अत्यधिक देरी हुई.