शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन समारोह के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आगमन पर भाजपा समर्थकों द्वारा जय श्री राम के नारे, उनके लिए गुस्सा करने के लिए गंभीर मामला नहीं था, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बातें कही हैं।
शुक्रवार शाम को जोका-तारातला मेट्रो रेल मार्ग के उद्घाटन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में रेल मंत्री ने कहा कि नारे कुछ लोगों ने भावनाओं में बहकर लगाए थे।
उन्होंने कहा, हमने मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया। हमें खुशी है कि वह आईं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिससे वह नाराज हो सकें। कुछ लोगों ने हावड़ा में अपनी भावना से नारे लगाए। इसमें नाराज होने की कोई बात नहीं है। कुछ भाजपा समर्थकों द्वारा जय श्री राम के नारे लगाए जाने के बाद बनर्जी चिढ़ गईं और विरोध में उन्होंने मंच पर आने से इनकार कर दिया और इसके बजाय, मंच के बगल में एक कुर्सी पर बैठकर पूरे कार्यक्रम में शामिल हुईं।
हालांकि, बर्धमान-दुगार्पुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा सांसद, एस.एस. अहलूवालिया का उनको समर्थन मिला। उन्होंने कहा, यह सरकारी कार्यक्रम था। बेहतर होता कि वहां भारत माता की जय का नारा लगाया जाता।
इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री ने वास्तव में उनके साथ मंच साझा करने से बचने के बहाने उन नारों का इस्तेमाल किया। अधिकारी ने कहा, यह उनकी हताशा का परिणाम है क्योंकि वह 2021 के विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम में अपनी हार के कड़वे सच को नहीं समझ पा रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने भाजपा नेताओं के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के शब्दकोष से राजनीतिक शिष्टाचार शब्द गायब है। उन्होंने सिखाया है कि कैसे संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए सरकारी कार्यक्रम के मंच का उपयोग किया जाता है।
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Source : IANS