मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Department-MHRD) में डिग्री विवाद के थमने के फिलहाल आसार नहीं दिख रहे हैं. आज तक की खबर के अनुसार, नए बने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Human Resource Development Minister Ramesh Pokhriyal 'Nishank') भी कथित फेक डिग्री विवाद में फंसते दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, पोखरियाल के नाम के आगे डॉक्टर लगाने के उनके शौक के चलते विवाद उत्पन्न हो गया है. खबर के मुताबिक, पोखरियाल के पास श्रीलंका स्थित एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से दो-दो मानद डॉक्टरेट की उपाधि है लेकिन यह विश्वविद्यालय श्रीलंका में पंजीकृत ही नहीं है.
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दरअसल, इसके कुछ वर्षों बाद उन्हें एक और डी लिट डिग्री उसी विश्वविद्यालय से मिली. इस बार विज्ञान में योगदान के लिए उन्हें दूसरी डिग्री दी गई.
चौंकाने वाली बात रही कि यह विश्वविद्यालय श्रीलंका में न तो विदेशी और न ही घरेलू विश्वविद्यालय के तौर पर रजिस्टर्ड है. श्रीलंका के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इसकी पुष्टि भी की. इस बाबत पिछले साल देहरादून में फाइल हुई एक आरटीआई पर उनके बायोडाटा के बारे में आधी-अधूरी जानकारी आई.इतना ही नहीं उनकी सीवी और पासपोर्ट में अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज है. सीवी के अनुसार पोखरियाल का जन्म 15 अगस्त 1959 को हुआ, जबकि उनके पासपोर्ट में 15 जुलाई 1959 है.
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बता दें कि मोदी सरकार 2 में रमेश पोखरियाल ने 30 मई को ही मानव संसाधन विकास मंत्री का पदभार संभाला है.
HIGHLIGHTS
- अपने नाम के आगे डॉक्टर लगाने के उनके शौक के चलते विवाद उत्पन्न हो गया.
- चौंकाने वाली बात रही कि यह विश्वविद्यालय श्रीलंका में न तो विदेशी और न ही घरेलू विश्वविद्यालय के तौर पर रजिस्टर्ड है.
- सीवी के अनुसार पोखरियाल का जन्म 15 अगस्त 1959 को हुआ, जबकि उनके पासपोर्ट में 15 जुलाई 1959 है.
Source : News Nation Bureau