कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण करीब दो महीने से बंद पड़ी घरेलू विमान सेवाओं के सोमवार को बहाल होने के बाद सैकड़ों लोग अपने घर और कार्यस्थल लौटने के लिए तड़के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. पहले विमान में यात्रा करने वालों में अर्धसैनिक बल के जवान, सेना के जवान, छात्र और प्रवासी शामिल थे, जो रेलवे द्वारा चलाई गई विशेष ट्रेनों के टिकट नहीं ले पाए थे.
यहां मौजूद कई लोगों ने बताया कि सार्वजनिक वाहनों के कम होने के कारण वे समय से काफी पहले हवाई अड्डे के लिए निकल गए थे . संदीप सिंह (19) एक छात्र हैं और देहरादून में पढ़ाई करते हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने देहरादून से दिल्ली पहुंचने के लिए 5,500 रुपये का टिकट लिया क्योंकि ट्रेनें भरी चल रही हैं और अंतरराज्यीय बसें चल नहीं रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपने पीजी में था. माता-पिता को काफी चिंता थी.
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मैं पहले विमान से ही घर लौट रहा हूं.’’ पटना के मेकैनिकल इंजीनियर आमिर अफजल 23 मार्च को आधिकारिक काम के लिए दिल्ली आए थे,वह दोस्तों और परिवार के साथ ईद मनाने के लिए आज यहां से रवाना हुए. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपने सहकर्मी के साथ महिपालपुर में रह रहा था. होटल का किराया 900 रुपये प्रतिदित था. हमें घर वापस जाने के लिए ट्रेन का टिकट नहीं मिल पा रहा था.’’
अफजल के दोस्त राशिद ने कहा कि वह खुश हैं कि वह बिहार के बेगूसराय जिले में अपने परिवार के साथ ईद मना पाएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे कई बेघर और भूखे प्रवासी जो ट्रेन या विमान के टिकट खरीदने में असर्मथ है, उनके लिए यह त्योहार बेरंग ही रह जाएगा.’’
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वहीं कई लोगों को यहां आने के बाद पता चला कि उनकी उड़ान रद्द हो गई है. नाइक सतीश कुमार को कोलकाता जाना था और कोलकाता जाने वाले विमान ने उड़ान नहीं भरी क्योंकि राज्य ने 28 मई तक विमान सेवाएं बहाल ना करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा ‘‘ मैं सुबह छह बजे कोलकाता जाने वाले विमान के लिए अंबाला से यहां आया. जब यहां पहुंचा तो पता चला कि उड़ान रद्द हो गई है. अब वापस घर लौट रहा हूं.’’