कश्मीरी के अलगाववादी नेताओं से मिलकर आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि हुर्रियत के नेताओं का घाटी में प्रभाव है।
अय्यर ने 3 दिन पहले 25 मई को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ श्रीनगर जाकर अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की थी। उनका कहना है कि प्रतिनिधिमंडल कश्मीर के मौजूदा हालात को समझने के लिये गया था।
मणिशंकर ने रविवार को कहा, 'जो भी कश्मीर से लगा हुआ है, वह जानता है कि हम चाहें या न चाहें, हुर्रियत का अपना अलग प्रभाव है वादी में।'
पिछले जुलाई में जब हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर आतंकी बुरहान वानी को सेना ने एक ऑपरेशन में मार गिराया था, उसके बाद से घाटी में हालात खराब चल रहे हैं।
और पढ़ें: कश्मीर में चल रहा है डर्टी गेम, पत्थरबाजी के दौरान जवानों को देखते रहने और मरने के लिये नहीं कह सकता
शनिवार 27 मई को भी एक और मुठभेड़ में हिजबुल के दूसरे कमांडर सबजार अहमद बट्ट को सेना ने मार गिराया है। उसके बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है।
हालांकि सबज़ार की मौत के विरोध में अलगावादियों के घाटी में बंद के बुलावे के बाद भी कश्मीरी युवाओं ने सेना में भर्ती होने के लिये संचालित की गई परीक्षा में बड़ी संख्या में भाग लिया।
और पढ़ें: सेना भर्ती परीक्षा में शामिल होने आए कई कश्मीरी युवा, अलगाववादियों को दिखाया ठेंगा
Source : News Nation Bureau