सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में तेलंगाना (Telangana) के हैदराबाद एनकाउंटर (Hayderabad Encounter) मामले में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े (Chief Justice SA Bobde) ने कहा, हम मानते हैं कि मुठभेड़ की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए. जस्टिस बोबड़े ने कहा, यदि आप कहते हैं कि आप उन पर मुकदमा चला रहे हैं (पुलिसवाले मुठभेड़ में लिप्त हैं), तो हमारे लिए ऐसा कुछ नहीं है. लेकिन अगर आप कहते हैं कि वे निर्दोष हैं तो लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए. हम तथ्यों को ग्रहण नहीं करना चाहते हैं. जांच होने दीजिए, आप इसके लिए प्रतिरोधी क्यों हैं?
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सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, हम एनकाउंटर की जांच के आदेश देते हैं. इस मामले की जांच के लिए शीघ्र ही आयोग का गठन किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या एनकाउंटर के दौरान क्या कोई पुलिस वाला घायल हुआ? चारों आरोपी अब मर चुके हैं, लिहाजा इस मामले में आरोपियों के खिलाफ ट्रायल का अब कोई मतलब नहीं रह जाएगा. आरोपी अब अपने केस की पैरवी नहीं कर सकते. अब सिर्फ पुलिस है, जो अपने सबूत रखेगी. पुलिस के गवाहों से सवाल कौन करेगा, यह मुकदमा होगा या मज़ाक?
सुनवाई के दौरान तेलंगाना पुलिस की दलील में कहा गया, आरोपियों के हमले में दो पुलिस वाले घायल हुए थे. पुलिस वालों की पिस्टल छीनकर आरोपियों ने फायरिंग की और पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई. इस गुनाह में चारों की भूमिका को लेकर कोई संदेह नहीं है. सीसीटीवी कैमरे में सब कुछ रिकॉर्ड हुआ है. एक आरोपी महिला की स्कूटी चलाता हुआ दिखा. एक आरोपी पेट्रोल खरीदते हुए CCTV में कैद हुआ. पूरे मामले को कमिशनर रैंक के अफसर देख रहे हैं.
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इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को हैदराबाद रेप-मर्डर (Hyderabad Rape Murder Case) के आरोपियों के एनकाउंटर (Encounter) मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि वह हैदराबाद मुठभेड़ (Hyderabad Encounter) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के एक रिटायर्ड जज को नियुक्त करने के पक्ष में है. कोर्ट ने गुरुवार तक के लिए सुनवाई टाल दी थी.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) पहले से ही इस मामले में संलिप्त है. इसलिए वह इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की नियुक्ति करेंगे. जो दिल्ली में रहकर ही घटना की जांच करेंगे. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई के लिए वकील जीएस मणि के अनुरोध का संज्ञान लिया था.
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मणि ने कहा था कि इस मुठभेड़ में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच के लिए दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई होनी चाहिए. अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने भी इस तरह की याचिका दायर की थी. शर्मा की याचिका में कहा गया था कि पूर्व न्यायाधीशों की निगरानी में विशेष जांच दल की जांच होनी चाहिए. इन याचिकाओं में यह भी दावा किया गया है कि यह मुठभेड़ फर्जी थई और इस मामले में संलिप्तपुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो