हैदराबाद में पशुचिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने के चारों आरोपियों के शुक्रवार को कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना का राजनेताओं ने जहां एक ओर प्रशंसा की वहीं उनमें इसके प्रति चिंता भी देखी गई. जया बच्चन सहित कई नेताओं ने इसे दुष्कर्म पीड़िता के लिए त्वरित न्याय करार दिया, वहीं मेनका गांधी और शशि थरूर ने कहा कि न्यायेतर हत्या चिंता का विषय है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम जो इस समय रांची में हैं ने कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे हैदराबाद में हुई घटना से संबंधित तथ्यों की जानकारी नहीं है. बस मैं यही कह सकता हूं कि यह जानने के लिए क्या मुठभेड़ वास्तविक था, क्या वे भागने की कोशिश कर रहे थे या कुछ और था, गहन जांच की जरूरत है. ’ उल्लेखनीय है कि 25 वर्षीय पशुचिकित्सक से पिछले महीने दुष्कर्म के चारों आरोपी शुक्रवार सुबह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए. घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा की राज्यसभा सदस्य जया बच्चन ने कहा ‘‘बहुत देर कर दी. देर आए दुरुस्त आये.’
भाजपा नेता मेनका गांधी ने चारों आरोपियों को मार गिराने पर पुलिस की आलोचना करते हुए कहा, ‘ यह देश के लिए ‘‘भयानक’ नजीर है. उन्होंने कहा, ‘जो भी हुआ बहुत भयानक हुआ है इस देश के लिए...आप लोगों को इसलिए नहीं मार सकते क्योंकि आप ऐसा करना चाहते हैं. आप कानून को अपने हाथ में नहीं सकते हैं, उन्हें (आरोपियों को) अदालत से तो फांसी मिलने ही वाली थी.’ मेनका ने आगे कहा, फिर फायदा क्या है? फायदा क्या है अदालत का, फायदा क्या है पुलिस का? तब तो जिस को चाहो उठाओ और गोली मार दो.
कांग्रेस नेता एवं लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि न्यायेतर हत्याएं स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया, सैद्धांतिक रूप से सहमत हूं. हमें और जानने की जरूरत है, उदाहरण के लिए अगर आरोपियों के पास हथियार थे तो पुलिस का गोली चलाना सही था. विस्तृत जानकारी मिलने तक इसकी निंदा करना सही नहीं है, लेकिन कानून के समाज में न्यायेतर हत्याएं स्वीकार्य नहीं है. हालांकि, बाद में थरूर ने कहा कि वह घटना के तथ्यों की जानकारी सामने आने तक इसकी निंदा करने में जल्दबाजी नहीं करेंगे.
उनके सहयोग अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कई बार देश की भावना मानवाधिकार तर्कों पर हावी हो जाती है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘कई बार सभी बहसों और मानवाधिकार तर्कों के बावजूद हमें समझना होगा कि देश का मूड और लोगों की भावना उनके साथ है. आखिरकार लोकतंत्र लोगों का होता है.’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों में ऐसी घटनाओं के प्रति इतना गुस्सा है कि वे मुठभेड़ में मारे जाने से खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘दुष्कर्म की घटनाएं देर से सामने आई, लोग गुस्से में हैं चाहे वह उन्नाव की घटना हो या हैदराबाद की, इसलिए लोग मुठभेड़ पर खुशी का इजहार कर रहे हैं.’ केजरीवाल ने कहा, ‘जिस तरह से लोग फौजदारी न्याय प्रणाली के प्रति भरोसा खो रहे हैं उससे कई बार चिंता भी होती है. सभी सरकारों को मिलकर फौजदारी न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए कदम उठाना होगा.’
भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मुठभेड़ और इसकी अनुमति देने वाले नेतृत्व का भी स्वागत किया. उन्होंने ट्वीट किया, मैं हैदराबाद पुलिस और उस नेतृत्व को बधाई देता हूं जिसने पुलिस को यह करने की अनुमति दी. सभी को जानने दे कि इस देश में हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत होगी है. साथ ही घोषणा की कि पुलिस ने आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की. वर्ष 2012 में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार निर्भया के परिवार ने भी पशु चिकित्सक से दुष्कर्म करने वाले चारों आरोपियों के पुलिस की कार्रवाई में मारे जाने का समर्थन किया.
कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आरोपियों के मारे जाने पर सवाल उठाए और पूरे घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी ने कहा, ‘अगर पुलिस का संस्करण सही है कि वे भागने की कोशिश कर रहे थे तब उन्हें छोड़ा नहीं जाना चाहिए उन्होंने जघन्य अपराध किया था.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन दूसरी ओर अगर जनता के दबाव में आकर सरकार ने ऐसा कोई कदम उठाया जो न्याय से इतर हत्या हो सकती है तो यह देश के लिए बहुत खतरनाक है और एक ऐसी परिपाटी तय करेगा जो देश लिए खतरनाक हो सकता है.’ शर्मिष्ठा ने साथ ही स्पष्ट किया कि यह उनकी निजी राय है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने भी कहा कि मामले पर उनकी निजी राय है. वहीं वर्ष 2009 में पुणे के खरादी इलाके में दुष्कर्म के बाद हत्या की गई सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवर महिला के पति ने भी हैदराबाद मुठभेड़ का समर्थन किया है.
Source : Bhasha