हैदराबाद मुठभेड़ (Hyderabad encounter) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच पूरी करने के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वी.एस. सिरपुरकर की अध्यक्षता वाली समिति को 6 महीने का समय और दिया है. पूर्व जज जस्टिस वी.एस. सिरपुरकर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने कोरोना वायरस के मद्देनजर जांच में आई दिक्कत का हवाला देते हुए जांच के लिए और समय मांगा था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए उसका कार्यकाल बढ़ाने के बारे में आदेश पारित किया.
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न्यायालय ने पिछले साल 12 दिसंबर को शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश वी एस सिरपुकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया था. आयोग को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपनी थी. जांच आयोग में बम्बई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेखा सोंदूर बल्दोता और सीबीआई के पूर्व निदेशक डी आर कार्तिकेयन भी शामिल हैं.
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ज्ञात हो कि हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक युवती के साथ दुष्कर्म करने और उसके बाद उसकी हत्या करने के सभी चारों आरोपियों को पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था. हालांकि इस एनकाउंटर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने हैदराबाद मुठभेड़ की सच्चाई जानने के लिए 3 सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया था. शीर्ष अदालत ने हैदराबाद एनकाउंटर में तेलंगाना हाई कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा शुरू की गई कार्यवाही पर भी रोक लगा दी थी.