कथित डेटा चोरी के मामले में तेलंगाना की टीआरएस सरकार पर हमलावर रुख अख्तियार करते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को कहा कि हैदराबाद में डेटा संपत्ति के लिए कोई सुरक्षा नहीं है. तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार अपनी बचकानी हरकतों के साथ हैदराबाद की छवि को नुकसान पहुंचा रही है. टीडीपी नेताओं के साथ एक वीडियो कान्फ्रेंस के दौरान नायडू ने कहा, 'इस तरह के हालात में हैदराबाद में डेटा का भंडार कौन करेगा.'
नायडू, टीडीप से जुड़ी एक कंपनी आईटी ग्रिड के खिलाफ तेलंगाना पुलिस द्वारा डेटा चोरी का मामला दर्ज करने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.
हैदराबाद की कंपनी पर आंध्र प्रदेश के साढ़े तीन करोड़ मतदाताओं का संवेदनशील डेटा चुराने और तेदेपा विरोधी मतदाताओं की पहचान कर चुनावी सूची में से उनका नाम हटाने का आरोप है.
नायडू ने दोहराया कि डेटा टीडीपी से संबंधित है, न कि सरकार से, जैसा कि तेलंगाना पुलिस दावा कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि टीआरएस ने साजिश रची है और वह आगामी चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस की मदद के लिए टीडीपी का डेटा चुरा रही है.
उन्होंने कहा कि टीडीपी ने पिछले 24 वर्षो में इस डेटा का निर्माण किया है. उन्होंने कहा कि अगर डेटा संपत्ति चोरी होती है तो पार्टी शांत नहीं बैठेगी.
इसे भी पढ़ें: एयर स्ट्राइक पर 'राजनीति' करने वालों पर सचिन पायलट का जवाब, कही ये बातें
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता के घमंड के कारण टीआरएस ने तेलंगाना से संबंध नहीं रखने वाले मामलों में हस्तक्षेप की सभी हदें पार कर दी है.
नायडू ने कहा, 'टीआरएस आंध्र प्रदेश में सामंती शासन देखना चाहती है और वह इसी कारण वाईएसआर कांग्रेस की मदद कर रही है.'
उन्होंने यह भी कहा कि सूची से पात्र मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, क्योंकि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने के लिए फॉर्म 7 का दुरुपयोग कर रहे हैं.
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार साइबर अपराध में संलिप्त लोगों के साथ ढृढ़ता से निपटेगी.
Source : IANS