भारत सरकार ने 'हैदराबाद राज्य मुक्ति के 75 वर्ष' का जश्न मनाने का फैसला किया है और 17 सितंबर से शुरू होने वाले साल भर के समारोह आयोजित करने का प्रस्ताव है. तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों से उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) विशिष्ट अतिथि होंगे. इस बीच एआईएमआईएम (AIMIM) सुप्रीमो और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (K. chandrashekhar rao) को पत्र लिखकर मांग की कि हैदराबाद मुक्ति दिवस का जश्न राष्ट्रीय एकता दिवस (National Integration day) के नाम से मनाया जाना चाहिए.
ओवैशी ने कहा, “हमने इसे मनाने का कभी विरोध नहीं किया. ओवैसी ने यह भी घोषणा की कि एआईएमआईएम पार्टी उसी के उपलक्ष्य में 16 सितंबर को हैदराबाद में एक मोटरसाइकिल 'तिरंगा' रैली भी आयोजित करेगी. उन्होंने कहा, मेरे साथ विधायक, एमएलसी और पार्टी के पार्षदों सहित पार्टी के सभी सदस्य रैली में भाग लेंगे. हम नमाज का आयोजन करेंगे और फिर बाइक रैली को थेगलकुंटा की ओर ले जाएंगे. साथ ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और एक जनसभा आयोजित की जाएगी. उन्होंने यह भी मांग की कि मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों मौलवी अलाउद्दीन और तुरेबाज़ खान के नामों को मान्यता दी जानी चाहिए, जो तत्कालीन हैदराबाद राज्य में अंग्रेजों से लड़ते हुए मारे गए थे.
ये भी पढ़ें : Indian Navy और INS Vikrant का छत्रपति शिवाजी से नाता, विस्तार से जानें
रजाकार के सवाल पर ओवैसी ने कहा, "जो रजाकार थे वो पाकिस्तान चले गए, जो वफादार थे..वो आपके सवाल का जवाब दे रहे हैं." ऐतिहासिक घटनाओं को राजनीतिक रूप से भुनाने के लिए बीजेपी द्वारा संचालित केंद्र सरकार 17 सितंबर से शुरू होने वाले 'हैदराबाद मुक्ति दिवस' के रूप में एक साल का 'सेलिब्रेशन' आयोजित करेगी. 1948 में इसी तारीख को निजामों द्वारा संचालित हैदराबाद के पूर्ववर्ती राज्य को भारत में मिला लिया गया था.