सोमवार को गेटवे ऑफ इंडिया पर जेएनयू के अंदर हुए हमले के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर लहराने वाली लड़की पर एफआईआर दर्ज किया गया है. वहीं पोस्टर लहराने वाली लड़की महक मिर्जा प्रभु सफाई देते हुए कहा कि मेरी बातों का गलत मतलब निकाला गया है. मैं कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल सेवा बहाल करने की बात कहना चाहती थी.
महक मिर्जा प्रभु ने बताया कि वो क्यों प्रदर्शन में शामिल हुई. उन्होंने कहा कि वो सोमवार रात करीब 7 बजे गेटवे ऑफ इंडिया पहुंची. लोकतंत्र में विश्वास करते हुए मैं भी प्रदर्शन में शामिल हुई.
उन्होंने कहा, ' मैं कश्मीरी नहीं हूं. मैं महाराष्ट्र की हूं और मुंबई की एक लेखक हूं. मेरी बातों का गलत मतलब निकाला गया. मैं कश्मीर में इंटरनेट और मोबाइल सेवा बहाल करने की बात कहना चाह रही थी.'
फ्री कश्मीर के पोस्टर पर विवाद खड़ा होने के बाद महक मिर्जा ने एक वीडियो मैसेज जारी कर सफाई दी.
वहीं, मुंबई पुलिस ने महक को पोस्टर लहराने के लिए एफआईआर दर्ज कर ली है. महक के खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में धारा 153बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
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वहीं इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ गई थी. पोस्टर के फोटो को ट्वीट के साथ टैग कर फडणवीस ने पूछा कि वास्तव में विरोध किसलिए था और क्या मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस भारत विरोधी अभियान को सहन करेंगे. उन्होंने लिखा, विरोध वास्तव में किसलिए है? फ्री कश्मीर के नारे क्यों लग रहे हैं? हम ऐसे अलगाववादी तत्वों को मुंबई में कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? आजादी गैंग मुख्यमंत्री कार्यालय से दो किलोमीटर दूर फ्री कश्मीर के नारे लगा रहा है? उद्धव जी क्या आप अपनी नाक के नीचे कश्मीर को आजाद कराने के इस भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त करेंगे? भाजपा नेता ने ट्वीट में ठाकरे के ट्विटर हैंडल को भी जोड़ा.
Source : News Nation Bureau