आयकर विभाग ने एक चौकाने वाला खुलासा किया है जिसके मुताबिक 447 कंपनियों ने 3,200 करोड़ रुपये का टीडीएस घोटाला किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इन सभी कंपनी ने अपने कर्मचारियों से टीडीएस के नाम पर टैक्स तो ले लिया लेकिन आयकर विभाग को जमा नहीं किया।
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग के टीडीएस शाखा ने इस बारे में कई कंपनियों के ख़िलाफ़ जांच शुरू कर दी है और कईयों को वारंट भी भेजा है।
इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक इस तरह के केस में अपराधी को कम से कम तीन महीने की कठोर कारावास और ज़्यादा से ज़्यादा सात साल कारावास और हर्ज़ाना देना पड़ सकता है। बता दें कि सेक्शन 276 बी के तहत इन कंपनियों के ख़िलाफ़ जांच शुरू कर दी गई है।
आयकर विभाग आगे इस केस को धोखाधड़ी और कर्मचारियों के विश्वास का आपराधिक हनन मानते हुए आईपीसी (इंडियन पैनल कोड) के तहत मामला दर्ज़ करने पर भी विचार कर रही है।
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया, 'हाल ही में हुए वेरिफिकेशन सर्वे में ख़ुलासा हुआ है कि 447 मामलों में 3,200 करोड़ रुपये टीडीएस के नाम पर कंपनी ने कर्मचारियों से पैसे लिए लेकिन उसे आयकर विभाग में जमा करने के बजाए अपने कामकाज में खर्च कर दिए। यह सारे केस अप्रैल-2017 से मार्च-2018 के बीच की है। उनमें से कुछ को जल्द ही हम गिरफ़्तार करने वाले हैं।'
अख़बार के मुताबिक अपराध करने वालों में से मुख्यत: बिल्डर हैं जिनमें से एक बिल्डर राजनीतिक रसूख वाला भी है जिसने 100 करोड़ रुपये कर्मचारियों से जमा किए और अपने कारोबार में लगा दिए।
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Source : News Nation Bureau