ठाकरे सरकार ने भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए (NIA)को देने की अनुमति दे दी है. जिसका विरोध एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने की. खबर सामने आई कि शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसले पर आपत्ति जताए हैं. शरद पवार और उद्धव ठाकरे के तनातनी को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा, 'भीमा कोरेगांव मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में स्थानांतरित करने के लिए मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को धन्यवाद देता हूं. शरद पवार इसका विरोध कर रहे थे क्योंकि उन्हें डर था कि एनआईए की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी.'
Former Maharashtra CM and BJP leader Devendra Fadnavis in Mumbai: I thank Chief Minister Uddhav Thackeray for transferring Bhima Koregaon case to National Investigation Agency (NIA). Sharad Pawar was opposing it as he feared that the truth will come out of the NIA investigation. pic.twitter.com/mxRGsvCKkE
— ANI (@ANI) February 16, 2020
भीमा कोरेगांव की जांच एनआईए को सौंपे जाने पर शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि एल्गार परिषद (भीमा कोरेगांव) मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा अपने हाथ में लेने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का राज्य सरकार के हाथों से जांच वापस लेना अनुचित था.महाराष्ट्र सरकार का केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करना भी अनुचित है.
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हालांकि नाराजगी के एक दिन बाद ही शरद पवार और उद्धव ठाकरे एक साथ मंच साझा करते नजर आएं.जलगांव में शनिवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के नाम पर कृषि पुरस्कार प्रदान करने के लिए आयोजित समारोह में दोनों साथ नजर आए. शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए सम्मानित करने की बात कही. इस पर ठाकरे ने कहा कि पहले पूर्व कृषि मंत्री को सम्मानित किया जाना चाहिए. आयोजकों ने पवार और ठाकरे दोनों को संयुक्त रूप से सम्मानित किया.