Indian Air Force अपनी 'गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को फिर से गठित कर सकती है जो राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली यूनिट होगी. एयरफोर्स के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, वायु सेना प्रमुख बी एस धनोआ (Air Force Chief Birender Singh Dhanoa) मंगलवार को अंबाला वायु सेना केंद्र पर एक समारोह में 17 स्क्वाड्रन को फिर से शुरू कर सकते हैं. वायु सेना राफेल विमानों का स्वागत करने के लिए तैयार है.
बता दें कि करगिल युद्ध के समय 1999 में धनोआ ने 'गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को लीड किया था. लेकिन बठिंडा वायु सेना केंद्र से संचालित स्क्वाड्रन को 2016 में बंद कर दिया गया था. तब वायु सेना ने रूस निर्मित MiG 21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू कर दिया था.
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स्क्वाड्रन की स्थापना 1951 में की गयी थी और शुरू में इसने हैविलैंड वैंपायर एफ एमके 52 लड़ाकू विमानों की उड़ानों को संचालित किया था. भारत को पहला राफेल विमान इस महीने के अंत में मिल सकता है. वायु सेना ने राफेल का स्वागत करने के लिए जरूरी ढांचा तैयार करने और पायलटों के प्रशिक्षण समेत सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है.
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सूत्रों ने कहा कि विमान के पहले दस्ते को अंबाला एयर फोर्स स्टेशन में तैनात किया जाएगा. अंबाला एयर फोर्स स्टेशन को भारतीय वायुसेना के रणनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण केंद्रों में गिना जाता है. यहां से भारत-पाक सीमा करीब 220 किलोमीटर है. राफेल विमान की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा केंद्र में तैनात रहेगी.
HIGHLIGHTS
- India Air Force अपने 'गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को फिर से कर सकता है एक्टिव.
- करगिल युद्ध के समय 1999 में धनोआ ने 'गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को लीड किया था.
- बठिंडा वायु सेना केंद्र से संचालित स्क्वाड्रन को 2016 में बंद कर दिया गया था.