बंगाल के हाशिमारा में होगा राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन, चीन पर ऐसे कसेगी नकेल

पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयर बेस पर मई महीने से राफेल की अंबाला के बाद दूसरी स्क्वॉड्रन तैनात की जाएगी. इसी समय फ्रांस में लड़ाकू पायलटों का प्रशिक्षण भी पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही एयरफोर्स में 20 से ज्यादा राफेल फाइटर्स शामिल हो जाएंगे.  

author-image
Kuldeep Singh
New Update
Rafale Jet

बंगाल के हाशिमारा में होगा राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन ( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

भारतीय वायु सेना को अप्रैल के मध्य तक राफेल का दूसरा स्क्वॉड्रन मिलने जा रहा है. हाशिमारा एयर बेस पर मई महीने से यह फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाएगा. इसी समय फ्रांस में लड़ाकू पायलटों का प्रशिक्षण भी पूरा हो जाएगा. इसके साथ ही एयरफोर्स में 20 से ज्यादा राफेल फाइटर्स शामिल हो जाएंगे. हाल ही में राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के जवाब में बताया, ''अब तक 11 राफेल विमान भारत आ चुके हैं तथा मार्च तक 17 और ऐसे विमान भारत को मिल जाएंगे. अप्रैल 2022 तक भारत को पूरे राफेल मिल जाएंगे.''

भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए सौदा किया है. 21 राफेल विमानों की डिलीवरी के साथ ही भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में अभूतपूर्व इजाफा होगा. हाशिमारा एयरबेस पश्चिम बंगाल में भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित है. यहां पर तैनाती से चीन की ओर से पेश किसी भी संभावित खतरे से भारत बखूबी निपट सकेगा. 

यह भी पढ़ेंः ओवैसी का बड़ा हमला, बीजेपी की गुलाम हो गई जयललिता की AIADMK

क्यों खास है हाशिमारा एयरबेस
हाशिमारा एयर बेस चीन और भूटान ट्राइजंक्शन के करीब है. ऐसे में यहां स्क्वॉड्रन बनाने से चीन के किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकेगा. हाशिमारा में तैनात रफाल फाइटर जेट्स की जिम्मेदारी सिक्किम से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक से सटी एलएसी की होगी. हाशिमारा बेस उसी विवादित डोकलम इलाके के बेहद करीब है जहां वर्ष 2017 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 75 दिन लंबा टकराव हुआ था. हालांकि, अभी तक हाशिमारा बेस पर राफेल के लिए तैयार किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर और नए रनवे के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की गई है. राफेल का पहला स्क्वॉड्रन अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर है. राफेल फाइटर जेट के पहले स्क्वॉड्रन में 5 फाइटर जेट हैं. इसे पिछले साल सितंबर महीने में एयरफोर्स में शामिल किया गया था. इन्हें ‘गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन’ में जगह मिली थी. 

यह भी पढ़ेंः ममता बनर्जी को चोट कैसे लगी? मुख्य सचिव की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं चुनाव आयोग

भारत को फ्रांस से अबतक 11 राफेल लडाकू विमान मिल चुके हैं. ये सभी 11 फाइटर जेट्स भारतीय वायुसेना की अंबाला स्थित गोल्डन एरो स्कॉवड्रन (17 स्कॉवड्रन) में तैनात किए गए हैं. अंबाला पर तैनात गोल्डन एरो स्कॉवड्रन की पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी (चीन बॉर्डर) और पाकिस्तान से सटी एलओसी, दोनों ही मोर्चों की जिम्मेदारी है. हाल ही में पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर जब चीन से भारत की तनातनी चल रही थी, तब भारत ने रफाल लड़ाकू विमानों को भी लद्दाख के फ्रंट-लाइन एयरबेस पर तैनात किया था. ये सभी राफेल फाइटर विमान MICA और मेट्योर एअर टू एअर मिसाइल से लैस हैं, इसके अलावा इनमें स्कैल्प एअर टू ग्राउंड क्रूज मिसाइल से हमला करने की क्षमता मौजूद है. इन विमानों की तैनाती से उत्तर और पूर्व में भारत की हवा और जमीन में मारक क्षमता में जोरदार इजाफा होगा.

राफेल विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को फ्रांस से भारत आई थी. भारत ने फ्रांस से 59 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिये साल 2015 में अंतर-सरकारी करार पर हस्ताक्षर किये थे. पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में हुए एक कार्यक्रम में राफेल लड़ाकू विमानों को औपचारिक रूप से वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया था. तीन विमानों की दूसरी खेप तीन नवंबर को भारत आई थी जबकि तीन और विमानों की तीसरी खेप 27 जनवरी को यहां पहुंची.

HIGHLIGHTS

  • अब तक 11 राफेल आ चुके हैं फ्रांस से भारत
  • हाशिमारा से चीन पर रखी जा सकेगी नजर
  • मार्च के मध्य तक 17 राफेल की एक और खेप जाएगी
Indian Air Force Rafale News hasimara rafale squadron at hasimara ambala rafale
Advertisment
Advertisment
Advertisment