11,000 करोड़ से भी ज्यादा के पीएनबी फर्जीवाड़े को लेकर चार्टर्ड अकाउंटेंटेस की सबसे बड़ी संस्था आईसीएआई ने पंजाब नेशनल बैंक और गीतांजलि ज्वेलर्स के ऑडिटर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इसके साथ ही संस्था ने बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर को समन किया है ताकि इस फर्जीवाड़े की अतिरिक्त जानकारियां मिल सके।
इसके अलावा आईसीएआई ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया को भी लिखकर निवेदन किया है कि सरकारी बैंकों से कॉरपोरेट लोन लेने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराई जाए, जिन्होंने 2000 करोड़ या उससे ज्यादा का लोन लिया है।
आईसीएआई की फाइनेंशियल रिपोर्टिंग रिव्यू बोर्ड इस सूची की जांच करेगा जिसमें अकाउंटिंग और ऑडिटिंग से संबंधित किसी भी तरह की अनियमितता की जांच होगी।
आईसीएआई की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, 'आईसीएआई की अनुशासनात्मक निदेशालय ने पीएनबी के सभी सेंट्रल स्टेट्यूटरी ऑडिटर्स को कारण बताओ नेटिस जारी किया है। इसी तरह, उन सेंट्रल स्टेट्यूटरी ऑडिटर्स को भी नोटिस जारी किया गया है जिन्होंने पीएनबी की क्वार्टरली समीक्षा की है।'
बयान में कहा है, 'गीताजलि जेम्स के ऑडिटर्स को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।'
बयान में कहा है, 'डिप्टी जनरल मैनेजर को भी समन किया गया है और साथ ही फर्जीवाड़े से संबंधित दायर एफआईआर कॉपी और दूसरे कागजातों को भी पेश करने के लिये कहा गया है। साथ ही इस फर्जीवाड़े में अपनाए गए तरीके की भी जानकारी मांगी गई है।'
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आईसीएआई ने कॉरपोर्ट मंत्रालय को भी एक पत्र लिखा गया है। जिसमें निवेदन किया गया है कि सेबी, सीबीआई, ईडी और पीएनबी ने अपनी जांच में जो भी पाया है उसकी जानकारी साझा की जाए। ताकि इस मामले में लिप्त चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के खिलाफ कार्रवाई करने में तेजी लाई जा सके।
आईसीएआई ने एक उच्च स्तरीय ग्रुप का भी गठन किया है जिससे कि पीएनबी घोटाले में व्यवस्थित तरीके से किये गए फर्जीवाड़े का अध्ययन किया जा सके और उसे रोकने के सुझाव भी दिये जा सकें। इसकी पहली बैठक शुक्रवार को होगी।
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Source : News Nation Bureau