मंकीपाॅक्स (Monkeypox) को लेकर अब शोध में नए तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानि आईसीएमआर (ICMR) ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि इस संक्रामक बीमारी को लेकर ताजा शोध में मंकीपाॅक्स के तीन सबक्लस्टर देश में होने का पता चला है. इनमें से एक केरल (n5) और वहीं दो नई दिल्ली (n3) में पाए गए हैं. ऐसे में केरल और दिल्ली में मंकीपाॅक्स को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. इस बीमारी को लेकर जो आंकड़े आ रहे हैं, वह चैकाने वाले हैं. मंकीपाॅक्स संक्रामक बीमारी अभी तक 108 देशों में फैल चुकी है. शोध के अनुसार, मंकीपॉक्स का पहला सबक्लस्टर केरल और दिल्ली में पाया गया है. वहीं दूसरा और तीसरा सब क्लस्टर भी दिल्ली में पाया गया है.
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में पाया गया तीसरा मंकीपॉक्स सब क्लस्टर ब्रिटेन, अमेरिका और थाईलैंड कैटेगरी का पाया गया है. भारत में मंकीपॉक्स के तीन सब क्लस्टर पाए जाने के बाद स्वास्थ्य महकमा और ज्यादा सतर्क हो चुका है. इस खतरनाक वायरस के फैलाव को रोकने के प्रयास हो रहे हैं. इससे संक्रमित लोगों का जल्द पता लगाकर उन्हें सही समय पर इलाज मुहैया कराने की तैयारी है.
शोध में खुलासा
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में पाए गए 99 फीसद मंकीपॉक्स वायरस सिक्वेंस का जीनोम A2 ग्रुप से संबंधित हैं. जुलाई-अगस्त 2022 के बीच 18 राज्यों से मंकीपॉक्स के 96 संदिग्ध मामले मिले थे. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुण को जांच के लिए भेजे गए सैंपल में 10 मामले पॉजिटिव मिले थे. इनमें दिल्ली से 5 में से 3 पुरुष और 2 महिलाएं और केरल से 5 मामले सामने आए थे. यहां पर पाए गए मामलों में किसी तरह की अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी. वहीं केरल में मंकीपाॅक्स के मामले यूएई के जरिए भारत आए थे.
HIGHLIGHTS
- मंकीपाॅक्स संक्रामक बीमारी अभी तक 108 देशों में फैल चुकी है
- अगस्त 2022 के बीच 18 राज्यों से मंकीपॉक्स के 96 संदिग्ध मामले मिले थे
- केरल में मंकीपाॅक्स के मामले यूएई के जरिए भारत आए थे