कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. भारत समेत पूरी दुनिया इससे मुकाबला करने की कोशिश में लगे हुए हैं. वहीं एक दूसरा खतरा भी मंडराने लगा है. भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मोदी सरकार को चेतवानी दी है कि चीन का कैट क्यू वायरस (Cat Que Virus) यहां दस्तक दे सकता है.
आईसीएमआर के मुताबिक CQV इंसानों में ज्वर की बीमारी, मेनिंजाइटिस और बच्चों में इन्सेफलाइटिस की समस्या को उत्पन्न करेगा. आईसीएमआर के पुणे स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरॉलजी के सात शोधकर्ताओं ने कहा है कि चीन और वियतनाम में कैट क्यू वायरस( CQV) मौजूद है. मच्छरों और सूअरों से यह वायरस निकलता है.
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वहीं शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत में भी क्यूलेक्स मच्छरों में कैट क्यू वायरस जैसा ही कुछ मिला है. शोधकर्ताओं का कहना है कि क्यूलेक्श वायरस मूल रूप से सूअर में पाया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन के पालतू सूअरों में इस वायरस के खिलाफ पनपी एंटीबॉडीज पाया गया है. यानी की कैट क्यू वायरस चीन में लोकल लेबल पर प्रकोप फैलाना शुरू कर दिया है. इसलिए पनपी एंटीबॉडीज दी जा रही है.
वैज्ञानिकों ने विभिन्न राज्यों में 883 लोगों से सैंपल लिए और दो में वायरस के खिलाफ ऐंटीबॉडीज पाए गए है. जांच में सामने आया है कि दोनों शख्स एक ही वक्त इस वायरस से संक्रमित हुए थे.
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इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में जून महीने में प्रकाशित एक शोध में कहा कि इंसानों के सीरम सैंपलों की जांच में ऐंटी-सीक्यूवी आईजीजी ऐंटीबॉडी का पाया जाना और मच्छरों में सीक्यूवी का रेप्लकेशन कपैबिलिटी से पता चलता है कि भारत में यह बीमारी फैलाने की क्षमता रखता है.
शोध में कहा गया है कि जरूरी है कि इंसानों और सूअरों के और सीरम सैंपल की जांच की जाए. ताकि ये पता चल सके कि यह वायरस हमारे बीच मौजूद तो नहीं है.
Source : News Nation Bureau