लगभग हरेक मसले पर अपनी ही पार्टी और सरकार पर निशाना साधने वाले भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) का नजला इस बार चीन पर बरसा है. उनका साफतौर पर कहना है कि यदि चीन भारतीय क्षेत्र को खाली नहीं करता है और 1993 के समझौते के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर वापस नहीं जाता है, तो भारत को उससे युद्ध करना चाहिये. उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि भारत को चीन (China) के साथ केवल सीमा विवाद को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए और हांगकांग, ताइवान व तिब्बत के बारे में बात करके पड़ोसी देश को 'उकसाना' नहीं चाहिए.
सबक सिखाए 1962 वाला भारत नहीं यह
सुब्रमण्यम स्वामी यहां गौरी द्विवेदी द्वारा लिखित 'ब्लिंकर्स ऑफ, हाउ विल द वर्ल्ड काउंटर चाइना' पुस्तक के विमोचन पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, 'चीन भारत के लिए एक असाधारण रूप से महत्वपूर्ण और खतरनाक चुनौती है... इसलिए, भारत को अपनी रणनीति इस तरह से तैयार करनी चाहिए कि वह खतरे का सामना करते हुए अंत में चीन को उसकी जगह पहुंचा दे.' उन्होंने कहा, 'मेरा विचार है कि भारत को चीनियों से कहना चाहिए कि यदि आप 1993 की मूल स्थिति में वापस नहीं जाना चाहते तो हम आपके साथ युद्ध करेंगे. हमें तब तक चीनियों के साथ युद्ध की आवश्यकता है जब तक कि वे स्वेच्छा से पीछे हटने के लिए सहमत न हों. चीन को यह सबक सिखाएं कि हम अब 1962 का भारत नहीं रहे.'
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हांगकांग, ताइवान-तिब्बत की बात कर चीन को न उकसाएं
उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को चीन के साथ केवल अपने भूमि विवाद पर ध्यान देना चाहिए. अन्य मुद्दों के बारे में बात करने से स्थिति और बिगड़ेगी. उन्होंने कहा, 'हांगकांग, ताइवान और तिब्बत के बारे में बात न करें. आप जो कर रहे हैं वह स्थिति को बिगाड़ रहा है. ध्यान दें कि चीन ने कहां गलती की है. उन्होंने एलएसी को पार कर हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है. चीन ने एलएसी को पार कर हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है. उसे पीछे ढकेलना है.'
HIGHLIGHTS
- अपनी ही सरकार को घेरने वाली स्वामी इस बार चीन पर बरसे
- ड्रैगन को सबक सिखाएं कि 1962 वाला भारत नहीं है यह
- मोदी सरकार को बीजिंग को नहीं उकसाने की भी दी नसीहत