संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने देश के मौजूदा हालात पर कहा कि इस वक्त पूरा समाज अशांत हो गया है. समाज पूरी तरह से दो तीन भागों में बट गया है. उन्होंने कहा कि इस वक्त देश अशांत और असाधारण स्थिति से गुजर रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जरूरी घटनाओं पर चुप हो जाते हैं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस समय देश में संविधान की अवहेलना की जा रही है. देश का संविधान इस वक्त खतरे में है. राष्ट्रपति उम्मीदवार सिन्हा ने कहा कि आज कहीं भी आम आदमी को इंसाफ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि धारा 370 का मामला 2019 में सुप्रीम कोर्ट में आया, लेकिन आज तक इस पर सुनवाई शुरू नहीं हुई है. CAA और NRC की सुनवाई आज तक नहीं शुरू हुई है. इसके उलट कई मामले कोर्ट तुरन्त सुनता है, ऐसा इसलिए क्योंकि आज सत्ता में बैठे लोग नहीं चाहते कि इन्साफ हो. इसलिए आज राष्ट्रपति का चुनाव बेहद अहम हो गया है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे राष्ट्रपति चुन लिया गया तो मैं सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह रहूंगा.
संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करूंगा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं संविधान का रक्षक बनकर काम करूंगा और जरूरी मुद्दों पर प्रधानमंत्री के साथ बैठकर रास्ते तलाश करूंगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार संविधान विरोधी काम करेगी या चुनी हुई सरकारों को गिरएगी तो भारत सरकार को ऐसा करने से रोकूंगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समाज का आज सांप्रदायिक आधार पर बंटवारा हो रहा है, इसे रोकने की पूरी कोशिश करूंगा और प्रेस की आजादी की रक्षा करूंगा.
मोदी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, कार्यशैली और नीतियों का आलोचक हूं
सिंहा ने 2014 में BJP से चुनाव नहीं लड़ने पर कहा कि पार्टी ने मेरा टिकट नहीं काटा था. मैंने खुद चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मेरी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, मैं पीएम मोदी की कार्यशैली और नीतियों का आलोचक हूं. इस मौके पर सिन्हा ने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति बन गया तो सरकार किसी भी सरकारी एजेंसी का दुरुपयोग विपक्ष के नेताओं के खिलाफ नहीं कर पाएगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने पहले शरद यादव, फिर फारुख अब्दुल्ला और फिर गोपाल गांधी को उम्मीदवार बनाने की पेशकश की, लेकिन सभी ने इनकार कर दिया और चौथे नम्बर पर विपक्ष ने मुझे कहा तो मैं राष्ट्रपति चुनाव लड़ने को तैयार हो गया.
इस मौके पर राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों को पार्टी लाइन से ऊपर उठकर यशवंत सिंह के समर्थन में मतदान करने की अपील की.
Source : Anil Yadav