गुजरात के साबरकांठा में एक 14 महीने की बच्ची से रेप के बाद उत्तर भारतीयों पर हिंसा और उन्हें निशाना बनाए जाने को लेकर एक बार फिर कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने सफाई दी है। अल्पेश ठाकोर ने कैमरे के सामने रोते हुए कहा कि उन्होंने कोई हिंसा नहीं भड़काई है बल्कि शांति की अपील कि लेकिन साजिश के तहत कुछ लोग उनकी छवि खराब करने में लगे हुए हैं।
ठाकोर ने कहा, 'उत्तर भारतीयों पर हमले की सिर्फ एक घटना हुई है जिसकी मैं निंदा करता हूं। अगर मैंने किसी को भी गुजरात छोड़ने की धमकी दी है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं। गुजरात सबके लिए है यह जितना मेरा है उससे कहीं ज्यादा आप सब का भी है।'
उन्होंने बिहार यूपी के लोगों को राज्य छोड़कर नहीं जाने की भी गुहार लगाई और कहा वो छठ पूजा को लेकर थोड़ा पहले घर जा रहे हैं लेकिन अफवाह फैलाई गई कि मेरे द्वारा उन्हें राज्य छोड़ने की धमकी दी जा रही है.
ठाकोर ने कहा वो गरीबों, ओबीसी, मजदूरों और पिछड़े लोगों के लिए लड़ते हैं तो फिर उन्हें पीटने या भगाने की राजनीति कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा इसके पीछे बड़ी साजिश है जिसकी सच्चाई सामने जरूर आएगी।
गौरतलब है कि बनासकांठा में जिस 14 महीने की बच्ची से रेप हुआ था वो ठाकोर समुदाय से ही थी और आरोपी बिहार का रहने वाला था। ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि अल्पेश ठाकोर के ठाकोर सेना ने ही इस घटना के बाद यूपी बिहार के लोगों को निशाना बनाया और उनसे मारपीट कर उन्हें राज्य छोड़ने की धमकी दी। हिंसी की कई खबरों के बाद रिपोर्ट की माने तो करीब 20 बिहार, यूपी के लोग जानमाल की सुरक्षा के लिेए गुजरात छोड़कर अपने घर वापस लौट चुके हैं।
जेडीयू ने की अल्पेश ठाकोर पर कार्रवाई की मांग
वहीं इस मामले को लेकर बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है. नीरज कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर मांग रखी है कि अल्पेश ठाकोर को बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी पद से हटाया जाए क्योंकि बिहार के लिए लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए वही जिम्मेदार हैं। इसके साथ ही जेडीयू ने इस मामले में गुजरात सराकर से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि गुजरात किसी की जागीर नहीं है.
गुजरात पुलिस ने दिया सुरक्षा का भरोसा
गुजरात से हजारों यूपी-बिहार के लोगों के डर और पलायन के बीच पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया है. पुलिस महानिदेशक ने कहा, 'सभी प्रभावित इलाक़े में गुजरात के स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (एसआरपी) की 17 कंपनी और एक प्लाटून की तौनाती की गई है. अभी तक 342 लोगों को हिरासत में लिया गया है इसके साथ ही 42 मामले दर्ज़ किए गए हैं. इसके साथ ही अन्य मामलों में जांच चल रही है.'
गुजरात के 6 जिले गैर गुजरातियों पर हिंसा से प्रभावित
डीजीपी ने बताया कि गुजरात से बाहरी लोगों पर हिंसा के इन मामलों में कुल 6 जिले प्रभावित हुए हैं. मेहसाणा और साबरकांठा जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं. मेहसाणा में 15 केस दर्ज हुए हैं जिसके तहत 89 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. साबरकांठा में 11 केस दर्ज हुए हैं जबकि 95 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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डीजीपी के मुताबिक इन दो जिलों के अलावा अहमदाबाद में 7 केस और 73 गिरफ्तारी, गांधीनगर में 3 केस और 27 गिरफ्तारी, अहमदाबाद ग्रामीण में 3 केस और 36 गिरफ्तारी, अरावली में 2 केस और 20 गिरफ्तारी और सुरेंद्रनगर में एक केस और दो गिरफ्तारी हुई है. सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाली और भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
डीजीपी झा ने यह भी कहा, 'सबसे अधिक प्रभावित जिले गांधीनगर में पुलिस अधिकारियों को शिविरों का आयोजन करने और स्थानीय नेताओं के साथ संवाद करने के निर्देश दिए गए है. जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और वाहन उपलब्ध कराए गए हैं.'
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बता दें कि 28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा में एक 14 महीने की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार के आरोप में बिहार के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद राज्य के कई हिस्सों में जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. इसके साथ ही उत्तर भारतीयों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को शिकार बनाने और सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेश फैलाए जाने का मामला भी सामने आ रहा है.
Source : News Nation Bureau