पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने दो टूक कहा है कि चीन (China) से किसी युद्ध का मतलब है पाकिस्तान (Pakistan) से भी जंग. उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान को एक नजर से देखने की जरूरत है. हालांकि गलवान घाटी में भारतीय सेना (Indian Army) ने चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. 1962 में भी हमने करारा जवाब दिया था. हालांकि इस बार 62 की तुलना में भारत कहीं बेहतर स्थिति में है.
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भारत आज बेहतर स्थिति में
गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध को दो महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है. इसके बावजूद कई स्तर की सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत के बावजूद अभी तक दोनों देशों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से कहा 'मेरी बातों को याद रखिएगा, अगर चीन के साथ जंग हुई तो इसमें पाकिस्तान भी शामिल हो जाएगा. चीन के सैनिक कोई पहली बार गलवान नहीं आए हैं. साल 1962 में भी वे यहां आए थे. तब की तुलना में हम आज काफी ज्यादा अच्छे हालात में हैं. इस वक्त वहां हमारी सेना की 10 ब्रिगेड वहां तैनात हैं. चीन बड़ा बेवकूफ होगा अगर वह ये सोचता है कि हम पर वहचढ़ाई कर देगा.'
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भारत मजबूत करे अपनी सेना
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये भी कहा कि चीन तिब्बत के पठार से हिंद महासागर तक, इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. ऐसे में भारत को अपनी सेना को मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'चीन हिमाचल प्रदेश के इलाके की मांग कर रहा है. वह सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की डिमांड कर रहा है. आप इसे सेना के दम पर ही रोक सकते हैं. अगर हम मजबूत रहेंगे तो सामने वाले को तीन बार सोचना होगा.' दो दिन पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकरने कहा था कि चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान सभी समझौतों और सहमतियों का सम्मान करते हुए निकाला जाना चाहिए. जयशंकर ने लद्दाख की स्थिति को 1962 के संघर्ष के बाद ‘सबसे गंभीर’ बताया और कहा कि दोनों पक्षों की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अभी तैनात सुरक्षा बलों की संख्या भी ‘अभूतपूर्व’ है.