ये तीनों चीजें सुरक्षाबलों और पुलिस के पास हों तो किसी को भी कर सकते हैं धराशाही

गृह विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने कहा कि देश की सुरक्षा को बढ़ाने और सुरक्षाबलों को आधुनिक बनाने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता है.

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Deepak Pandey
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ये तीनों चीजें सुरक्षाबलों और पुलिस के पास हों तो किसी को भी कर सकते हैं धराशाही

भारतीय सेना( Photo Credit : फाइल फोटो)

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दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित तीन दिवसीय इंडिया इंटरनेशनल सिक्योरिटी एक्सपो-2019 में शामिल हुए गृह विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने कहा कि देश की सुरक्षा को बढ़ाने और सुरक्षाबलों को आधुनिक बनाने के लिए तीन चीजों की आवश्यकता है. अगर ये तीनों चीजें भारतीय सुरक्षाबलों और पुलिस के पास हों तो इन्हें आतंक का सामना करने में कोई नहीं रोक सकता है. नशीले पदार्थों की स्मलिंग बंद हो जाएगी. अपराध का खुलासा तेजी से होगा. इससे सुरक्षाबलों की ताकत में इजाफा भी होगा.

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सिक्योरिटी एक्सपो के पहले दिन विवेक भारद्वाज ने कहा कि देश की सुरक्षाबलों के लिए सुरक्षा और निगरानी सैटेलाइट, ड्रोन और कुत्ते की जरूरत है. इन तीनों से भारतीय सुरक्षाबलों को ताकत मिलेगी. इनके जरिए किसी भी कार्रवाई से पहले रेकी की जा सकेगी. साथ ही हमारे जवानों की जान बचेगी. सैटेलाइट पर तो तेजी से काम हो रहा है. अभी सैटेलाइट्स के जरिए हमने आतंक के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. सीमा पार जाकर आतंकी ठिकानों पर हमले भी किए. ड्रोन से भी निगरानी की जाती है. इन दोनों के जरिए भारतीय सुरक्षाबल लगातार सीमाओं पर और सीमाओं के अंदर निगरानी करके अनहोनी रोक रहे हैं या एक्शन में मदद कर रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा, देश के सुरक्षाबलों को सबसे ज्यादा जरूरत है डॉग्स की. ये उनके सबसे बेहतरीन दोस्त साबित हो सकते हैं. हमारे सुरक्षबलों के पास के-9 टीम है, जिसमें स्निफर डॉग्स होते हैं. इन डॉग्स से कई आतंकी हमले रोके गए. विस्फोटक बरामद किए गए. ड्रग्स की खेप पकड़ी गई, लेकिन आज भी देश में 35 हजार डॉग्स की कमी है. इनकी जल्द से जल्द भर्ती होनी चाहिए. अगर सुरक्षाबलों और पुलिस के पास इन डॉग्स की भर्ती की जाए तो ये सुरक्षाबलों की ताकत को बढ़ाएंगे. इसके साथ ही पुलिस विभाग के लिए अलग से सैटेलाइट होने चाहिए. ताकि वे किसी भी अपराधी को पकड़ने, साइबर अपराध को सुलझाने में आगे बढ़ सकें.

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विवेक भारद्वाज ने कहा कि दो युद्धों ने देश की सुरक्षा को लेकर उस समय के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया था. प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला ब्रिटिश सेनाओं से हार गए, जबकि उनके पास ज्यादा सैनिक थे. ब्रिटिश सेनाओं के पास 2000 सैनिक थे और कुछ तोप. जबकि, सिराजुद्दौला के पास करीब 50 हजार सैनिक थे और तोप. सिराजुद्दौला के तोप एक बार गोला दागने के बाद 15 मिनट का समय लेते थे नया गोला दागने में. लेकिन ब्रिटिश तोप हर मिनट 2 से 3 गोला दाग रहे थे. ऐसी हालत में सिराजुद्दौला हार गए. ऐसी ही कहानी पानीपत की लड़ाई की भी थी. कहने का मतलब ये है कि हमें ज्यादा आदमी नहीं, ज्यादा बेहतरीन टेक्नोलॉजी चाहिए. हमारी पुलिस फोर्स दुनिया की सबसे बड़ी पुलिस फोर्स है लेकिन सुविधाओं और आधुनिक हथियारों के मामले में बेहद पीछे.

indian-army Dog defence Home Department Inida Vivek Bhardwaj Additional Secretary
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