चांद पर घर बसाने की सोच रहे हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, मिलेगी कई रोचक जानकारी

चांद का एक दिन पृथ्वी के करीब 28 दिनों के बराबर होता है. वहां 15 दिन लंबी रात और 15 दिन के बराबर लंबे दिन होता है

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
चांद पर घर बसाने की सोच रहे हैं तो जरूर पढ़ें ये खबर, मिलेगी कई रोचक जानकारी

चंद्रमा (फाइल फोटो)

Advertisment

चंद्रयान-2 चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड नहीं कर सका. लैंड करने से पहले ही विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया. कहा जाता है कि चंद्रयान2 अगर चंद्रमा पर लैंड कर जाता तो यहां के लोग चंद्रमा पर कॉलनी बनाकर रह सकते हैं. इसके साथ ही लोगों के मन में यह जिज्ञासा होगी कि चंद्रमा पर जीवन कैसा होगा? वहां की रातें कितनी लंबी होती हैं? वहां दिन कितना बड़ा होता है? वहां लोग कैसे रहेंगे? वहां रहने में कितनी दिक्कत होगी? या वहां कितने आराम की जिंदगी बिताई जा सकती है. इस तमाम प्रश्न का जवाब और आपकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए हम आपको कई रोचक कहानी बता रहे हैं.

यह भी पढ़ें- देहरादून में जहरीली शराब ने ली 7 लोगों की जान, मौके पर पहुंची पुलिस

आपको बता दें कि चांद का एक दिन पृथ्वी के करीब 28 दिनों के बराबर होता है. वहां 15 दिन लंबी रात और 15 दिन के बराबर लंबे दिन होता है. वहां की रात और दिन के तापमान के साथ मौसम में बहुत अंतर आता रहता है. तापमान माइनस में बहुत नीचे तक चला जाता है. चंद्रमा को पृथ्वी की एक परिक्रमा करने में उसे 27.32 दिन लगते हैं. ऐसे में पहले एक हिस्सा काफी समय तक पृथ्वी की ओर होता है. फिर यही हाल चांद के दूसरे हिस्से का होता है.

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में धूमधाम से मनाई जाएगी नवरात्रि, सुरक्षा अधिकारियों ने बनाई ये रणनीति

बताया जाता है कि चांद के नॉर्थ पोल और साउथ पोल के प्रकृति में ज्यादा अंतर है. दोनों की रात में और तापमान में भी अंतर होता है. सबसे दिलचस्प यह है कि चांद का एक हिस्सा ऐसा भी है, जो कभी पृथ्वी का सामना नहीं करता. यहां पर कम रोशनी होती है. गौरतलब है कि पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है. उसमें 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. वहीं चांद पर एक दिन करीब 15 दिन का होता है. रात भी इतनी ही लंबी होती है. चांद का साउथ पोल ज्यादा ठंडा होता है. रातें तो इतनी ठंडी होती हैं कि पृथ्वी का कोई भी मनुष्य शायद वहां उन हालात में रह पाए. कॉलनी बनाना तो दूर की बात है.

यह भी पढ़ें- शादी से पहले सेक्स यहां नहीं होगा जुर्म, दंड देने वाले कानून को पारित नहीं करेंगे राष्ट्रपति विडोडो

बताया जाता है कि परिक्रमा के दौरान चांद अपनी धुरी पर सिर्फ 1.54 डिग्री तक तिरछा होता है, जबकि पृथ्वी 23.44 डिग्री तक. चांद पर पृथ्वी की तरह मौसम नहीं बदलते. चांद के ध्रुवों पर ऐसे कई इलाके हैं जहां कभी सूरज की रोशनी या किरणें पहुंच ही नहीं पातीं.

Narendra Modi isro moon earth Chandrayaan2
Advertisment
Advertisment
Advertisment