भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) अपने शिक्षकों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा संहिता (सीसीएस) के नियम लगाने पर विचार कर रहा है। इस नियम को लागू करने को लेकर शिक्षकों ने विरोध जताया।
शिक्षकों का कहना है कि इस नियम के जरिए शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। हालांकि आईआईएमसी के निदेशक के जी सुरेश ने इस तरह के किसी भी मुद्दे पर टिप्पणी नहीं।
जनता दल यूनाइटेड के तीन सांसदों ने सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी मीडिया स्कूल का प्रशासन शिक्षकों द्वारा उठाए जाने वाले शैक्षणिक मुद्दों का राजनीतिकरण कर रहा है।
यह मुद्दा संस्थान के कार्यकारी परिषद् (ईसी) के एजेंडे में शामिल है। जल्द ही ईसी की बैठक होने वाली है। इस बैठक में आईआईएमसी के नियमों में आचार संहिता, पेशेवर आचार और अनुशासनिक मामलों को शामिल किया जा सकता है।
इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 2016 में एक समिति बनाई गई थी। समिति ने 28 जुलाई को अंतिम बैठक में अपनी अनुशंसाओं को शामिल किया गया था।
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Source : News Nation Bureau