भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के शोधकर्ताओं ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपकरण, PIVOT विकसित किया है, जो किसी व्यक्ति में कैंसर पैदा करने वाले जीन की पहचान कर सकता है. यह शुरुआती जानकारी ना केलव कैंसर को रोकने में मदद कर सकती है, बल्कि कैंसर के रोगियों के लिए बेहतर उपचार के लिए रणनीति भी तैयार कर सकता है. केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रघुनाथम स्वामी ने इस शोध का नेतृत्व किया. डी कार्तिक रमन, एसोसिएट प्रोफेसर, भूपत और ज्योति मेहता स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज संस्थानों में और मालविका सुधाकर, शोध विद्वान, टीम के हिस्सा थे. शोध के निष्कर्ष एक पीयर रिव्यू जर्नल फ्रंटियर इन जेनेटिक्स में प्रकाशित किया गया है.
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यह टूल मशीन लर्निंग पर आधारित है जो जीन को ट्यूमर सप्रेसर,न्यूट्रल या ऑन्कोजीन के रूप में वर्गीकृत करता है. यह उपकरण मौजूदा ऑन्कोजीन और ट्यूमर-शमन जीन जैसे TP53, PIK3CA और नए कौसर से संबंधित जीन जैसे PRKCA, SOX9 और PSMD4 का सफलतापू्र्वक अनुमान लगाने में सक्षम है. दोनों की भविष्यवाणी करता है. व्यक्तिगत कैंसर जीन की पहचान करने के लिए उपकरण उपलब्ध हैं, वे कैंसर से संबंधित जीन में उत्परिवर्तन की उपस्थिति और अनुपस्थिति के आधार पर अनुपयोगी शिक्षा और भविष्यवाणी करते हैं. हालांकि विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह अध्ययन पर्यवेक्षित शिक्षा का उपयोग करने वाला पहला है और यह भविष्यवाणी करते समय उत्परिवर्तन के कार्यात्मक प्रभाव का ध्यान रखता है.
आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं ने तीन अलग-अलग प्रकार के कैंसर के लिए AI भविष्यवाणी मॉडल बनाए हैं जिनमें ब्रेस्ट इनवेसिव कार्सिनोमा, कोलन एडेनोकार्सिनोमा और फेफड़े के एडेनोकार्सिनोमा शामिल है. टीम व्यक्तिगत कैंसर पैदा करने वाले जीन की एक सूची पर काम कर रही है, जो रोगियों के लिए उपयुक्त दवाओं की पहचान करने में मदद करें.
HIGHLIGHTS
- IIT मद्रास ने कैंसर निदान के लिए AI टूल किया विकसित
- यह टूल जीन को ट्यूमर सप्रेसर,न्यूट्रल या ऑन्कोजीन के रूप में करता है वर्गीकृत