देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या घट-बढ़ रही है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के कुल तीन लाख छह हजार के करीब केस आए हैं, जबकि रविवार को कोरोना के कुछ 3 लाख 33 हजार मामले सामने आए थे. कोरोना के घटते बढ़ते क्रम को देखकर अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि भारत में कोरोना की लहर पीक पर आ चुकी है. लेकिन इसी बीच आईआईटी मद्रास की एक खबर सामने आई है. आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के विश्लेषकों के मुताबिक, मुंबई और कोलकाता की आर-वैल्यू से पता चलता है कि वहां कोरोना महामारी का चरम समाप्त हो गया है, जबकि दिल्ली और चेन्नई में यह अब भी एक के करीब है.
आईआईटी मद्रास के गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. जयंत झा ने बताया कि उनके विश्लेषण के अनुसार, अगले 14 दिनों में 6 फरवरी तक कोरोनावायरस पीक आने की संभावना है. इससे पहले पूर्वानुमान जताया गया था कि 1 फरवरी से 15 फरवरी के बीच तीसरी लहर का चरम आएगा. डॉ. जयंत झा ने बताया कि मुंबई और कोलकाता की आर-वैल्यू से पता चलता है कि वहां महामारी का चरम समाप्त हो गया है, जबकि दिल्ली और चेन्नई में यह अब भी एक के करीब है.
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आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के विश्लेषकों के मुताबिक, लगातार दूसरे हफ्ते भारत की आर-वैल्यू में गिरावट दर्ज की गई है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की दर बताने वाली 'आर-वैल्यू' 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच और कम होकर 1.57 रह गई है.
आर-वैल्यू बताती है कि एक व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. अगर किसी कोरोना संक्रमित की आर-वैल्यू एक है, तो उसकी ओर से एक और व्यक्ति को संक्रमित किए जाने का खतरा है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति की आर-वैल्यू तीन है, तो वह तीन लोगों को संक्रमित कर सकता है. आईआईटी मद्रास के विश्लेषण के अनुसार, 14 जनवरी से 21 जनवरी के बीच आर-वैल्यू 1.57 दर्ज की गई, जो 7 से 13 जनवरी के बीच 2.2, एक से छह जनवरी के बीच 4 और 25 दिसंबर से 31 दिसंबर के बीच 2.9 थी.
यह विश्लेषण आईआईटी मद्रास के गणित विभाग और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कम्प्यूटेशनल मैथमैटिक्स एंड डेटा साइंस ने कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग के जरिए प्रोफेसर नीलेश एस उपाध्याय और प्रोफेसर एस सुंदर की अध्यक्षता में किया गया था. आंकड़ों के मुताबिक मुंबई की आर-वैल्यू 0.67, दिल्ली की 0.98, चेन्नई की 1.2 और कोलकाता की 0.56 थी.