अवैध खनन मामले की आंच एसपी अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचती हुई दिख रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने अखिलेश यादव के खिलाफ केस दर्ज किया है. सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने अखिलेश यादव समेत कई अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का केस दर्ज किया है. सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, अखिलेश यादव के पास 2012-2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था. बाद में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री बने थे. इस दौरान जो भी कैबिनेट में मंत्री पद पर थे उनकी भूमिका की जांच की जाएगी.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के प्रतिबंध के बावजूद खनन किया गया था और काफी पैसी की उगाही की गई थी. इस मामले में 7 जिलों में सीबीआई की तफ्तीश चल रही थी. 31 मई 2012 को एक टेंडर हुआ था जो ई-टेंड के मार्फत नहीं किया गया था. सीबीआई अधिकारियों के मुताबकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में 2013 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध हमीरपुर जिले में 14 लोगों को पट्टे प्रदान किए थे.
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5 जनवरी को सीबीआई ने अवैध रेत खनन मामले की जांच के दौरान शुक्रवार को आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, समाजवादी पार्टी के एक नेता और बसपा के एक नेता के आवासों सहित दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 14 ठिकानों पर छापे मारे थे.
एजेंसी ने मामले में हमीरपुर की पूर्व जिलाधिकारी और महिला आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, माइनर आदिल खान, जियोलॉजिस्ट/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, सपा नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्र, हमीरपुर के खनन विभाग के पूर्व क्लर्क राम अक्षय प्रजापति, बहुजन समाजवादी पार्टी के टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ चुके संजय दीक्षित, उसके पिता सत्यदेव दीक्षित, खनन विभाग के पूर्व क्लर्क राम अवतार सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
Source : News Nation Bureau