इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने हड़ताली डॉक्टरों को शुक्रवार को अपना समर्थन जताया और कहा इसकी ‘मूल चिंताएं’ अब भी जस की तस बनी हुई हैं. देश में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की सबसे बड़ी संस्था, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं, ने एक बयान में कहा कि वह कभी भी विधेयक के उस प्रावधान को स्वीकार नहीं करेगी जो अयोग्य, गैर-मेडिकल व्यक्तियों को पंजीकृत करने तथा उन्हें प्रैक्टिस शुरू करने की अनुमति देता है.
डॉक्टरों की संस्था ने कहा कि उनकी योग्यता और क्षमता हमेशा संदेह के घेरे में रहेगी. एनएमसी विधेयक के खिलाफ यह संघर्ष भारत की चिकित्सा समुदाय के लिये दूसरा आजादी का संघर्ष है. आईएमए ने कहा कि उसकी ‘मूल चिंताएं’ अब तक नहीं सुलझाी हैं.
Source : भाषा