अरब सागर में उठे बेहद भीषण चक्रवात ‘बिपरजॉय’ ने पूरे देश पर असर डाला. इसकी वजह से कई तटों को खाली करा लिया है. वहीं लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. इस बीच ऐसी खबरें सामने आ रही थीं कि चक्रवात की वजह से मानसून में भी देरी हो सकती है. चक्रवात की वजह से मानूसन पीछे खिसक सकता है. इसे लेकर आईएमडी ने बताया कि यह तूफान मानसून के प्रवाह से अलग हो चुका है. चक्रवात बारिश करने वाली प्रणाली या उसके प्रदर्शन पर कोई असर नहीं करेगा.
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आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार, मंगलवार को राजधानी दिल्ली की प्रेसवार्ता में कहा कि चक्रवात ने अरब सागर के ऊपर भूमध्यरेखा के पार प्रवाह बढ़ाकर मानसून को प्रायद्वीप के दक्षिणी भागों में आगे बढ़ने में सहायता पहुंचाई है. उन्होंने कहा,‘अब यह मानसून से बिल्कुल अलग हो गया है. हमें मानसून के आगे बढ़ने या उसके प्रदर्शन पर चक्रवात द्वारा बड़े पैमाने पर असर डालने की उम्मीद नहीं है.’
वैज्ञानिकों का पहले कहना था कि चक्रवात ने नमी एवं संवहन को खींच लिया है. इस कारण मानसून की तीव्रता पर असर पड़ा है. इस वजह से केरल में मानसूनी बारिश में देरी हो रही है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना था कि प्रायद्वीप के दक्षिणी भागों से मानसून चक्रवात के बीत जाने के बाद आगे बढ़ने वाला है.
गौरतलब है कि मानसून अपने तय समय से करीब एक सप्ताह बाद आठ जून को भारत में केरल पहुंच गया था. शोध में जानकारी मिली है कि केरल पर मानसून तेजी से फैलने में देरी की वजह जरूरी नहीं कि उत्तर पश्चिम भारत में भी मानसून देरी से पहुंचे.
Source : News Nation Bureau