मार्च का महीना ही संकेत दे चुका है कि आने वाले दिनों में गर्मी क्या रंग दिखाएगी. उत्तर और मध्य भारत को मार्च ने ही जमकर तपाया है. अब तो मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्सों में जारी दूसरी गर्मी की लहर के साथ ही अप्रैल में उत्तर पश्चिम के अधिकतर भागों और मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान दर्ज होने की संभावना है. यही नहीं आईएमडी ने सामान्य से कम बारिश होने के आसार जताए हैं. ऐसे में विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि इस मौसम पानी और गर्मी से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
अप्रैल में औसत बारिश
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने अप्रैल के लिए तापमान और वर्षा के आउटलुक की घोषणा करते हुए कहा कि दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, मध्य भारत के पूर्वी हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के दक्षिणी हिस्से में सामान्य न्यूनतम तापमान की संभावना है. मार्च में गर्मी की लहरों के दो दौर देखे गए. पहला 11-21 मार्च के बीच जबकि दूसरा 26 मार्च को शुरू हुआ और अभी भी जारी है. इस बीच तटीय प्रायद्वीपीय क्षेत्रों को छोड़कर लगभग पूरे भारत में मार्च में कम वर्षा हुई. आईएमडी ने कहा है कि देश में अप्रैल में औसत बारिश सामान्य रहने की संभावना है.
यह भी पढ़ेंः महंगाई से त्रस्त लोगों ने श्रीलंका के राष्ट्रपति का घर घेरा, हिंसक संघर्ष
पूर्वोत्तर के हिस्से ज्यादा रहेंगे गर्म
उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीप के कई हिस्सों, पश्चिम मध्य भारत के आसपास के इलाकों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक सामान्य बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही आईएमडी ने अनुमान जताया है कि अप्रैल के महीने में पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्से सामान्य से ज्यादा गर्म रहेंगे.
यह भी पढ़ेंः China भारत में घुसा तो Russia बचाने नहीं आएगा... अमेरिका की धमकी या नसीहत
बीमारियां बढ़ने की भी आशंका
मार्च में गर्मी बढ़ने से डायरिया, डिहाइड्रेशन, उल्टी, दस्त और फूड पॉइजनिंग के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. ओपीडी में बुखार के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. एक-एक घर में कई-कई लोग वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं. वायरल बुखार और कोरोना के लक्षणों में ज्यादा अंतर न होने की वजह से लोग भ्रमित भी हो रहे हैं. ऐसे में डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि कोरोना संक्रमण की दर फिलहाल नियंत्रण में है. हालांकि वायरल बुखार के मामले इस समय चरम पर हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक वायरल बुखार की चपेट में आने की स्थिति बने रहने के आसार हैं.
HIGHLIGHTS
- मार्च में गर्मी की दो लहरों ने किया लोगों को परेशान
- अब अप्रैल भी मैदानी इलाकों में छुटाएगा पसीना
- विशेषज्ञों का मौसमी बीमारियों के बढ़ने का अंदेशा