Advertisment

23 जुलाई, इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन, जानिए क्यों

अमर शहीद क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक आज ही के दिन पैदा हुए थे।

author-image
sankalp thakur
एडिट
New Update
23 जुलाई, इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन, जानिए क्यों

चन्द्रशेखर आजाद (फाइल फोटो)

Advertisment

23 जुलाई, एक ऐसी तारीख जो ऐतिहासिक दृष्टी से काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन एक नहीं बल्कि 2 स्वतंत्रता सेनानियों का जन्मदिन है। अमर शहीद क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक आज ही के दिन पैदा हुए थे। इसके साथ ही आज के ही दिन मुंबई से रेडियो सेवा आकाशवाणी का नियमित प्रसारण भी शुरू हुआ था। आइए इतिहास के इन शख्सितों और घटनाओं के बारे में जानते हैं।

बाल गंगाधर तिलक

23 जुलाई 1856 को भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक का 162वां जन्मदिन है। पुणे के डेक्कन कॉलेज से स्नातक करने के बाद तिलक गणित के अध्यापक बन गए। उस दौर में अंग्रेजी हुकूमत भारतीयों पर लगातार जुल्म ढा ही थी।

तिलक से यह सब बर्दाश्त नहीं हुआ और 1890 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ज्वाइन कर लिया। तिलक कांग्रेस के गरम दल को पसंद करते थे। वह कांग्रेस के नेताओं द्वारा आजादी के लिए अपनाए जा रहे नरमपंथी रवैये से काफी निराश थे।

तिलक ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ एक अखबार निकाला। इस अखबार का नाम केसरी था। इसमें उन्होंने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ लगातार लेख लिखे। उनके लेख के कारण दो अंग्रेजी अधिकारियों का खून हो गया और हिंसा भड़काने के आरोप में तिलक को 18 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया।

जब वह जेल से बाहर आए तो वह राष्ट्र के लिए किसी हीरो से कम नहीं थे। इसके बाद भी दो युवा भारतीय क्रांतिकारियों ने जब मुजफ्फरपुर में एक अंग्रेजी अधिकारी को मारने के लिए बम फेंका तो उनके समर्थन में तिलक ने लेख लिखा जिसके बाद एक बार फिर उन्हें जेल की यात्रा करनी पड़ी।

तिलक को इस बार 1908 से 1914 तक जेल में रहना पड़ा। तिलक गाँधी जी के अहिंसा के मार्ग की हमेशा आलोचना करते रहे। उनका मानना था कि इस तरीके से आजादी नहीं मिल जाए।

तिलक को देश स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रवादी, समाज सुधारक के तौर पर याद करती है।

अमर शहीद क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद

मध्य प्रदेश के बावरा में आज ही के दिन अमर शहीद क्रांतिकारी चन्द्रशेखर आजाद का जन्म हुआ था। वही आजाद जिनका बचपन में नाम चंद्रशेखर तिवारी था। वही आजाद जो सिर्फ 15 साल की आयु में ब्रितानियां हुकूमत से लड़ने के लिए आजादी की लड़ाई में कूद गए।

तिलक की तरह आजाद का मन भी महात्मा गांधी के रास्ते से 1922 में तब उठ गया जब असहयोग आन्दोलन असफल हुआ। इसके बाद उन्होंने राम प्रसाद हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन ज्वाइन की। इस संगठन का हिस्सा बन कर वह अंग्रेजी सरकार के खिलाफ क्रांति के दम पर आजादी के लिए संघर्ष करने लगे।

आजाद ने 1925 में उन्होंने काकोरी में ट्रेन को लूटा। इसके उनकी मुलाकात भगत सिंह और सुखदेव से हुई। ब्रितानियां सरकार इन लोगों की तलाश कर रही थी।

27 फरवरी 1931 को आजाद जब सुखदेव से मिलने इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें घेर लिया। दोनों तरफ से गोलीवारी शुरू हो गई। आजाद ने तीन पुलिस वालों को मार डाला और फिर खुद को गोली मार ली। इस तरह भारत मां का यह सपूत हमेशा आजाद रहा क्योंकि उन्होंने खुद से वादा किया था कि वह कभी भी अंग्रेजी हुकूमत के हाथों नहीं पकड़े जाएंगे।

आकाशवाणी का नियमित प्रसारण शुरू

आज ही के दिन 1927 में मुंबई से रेडियो सेवा आकाशवाणी का नियमित प्रसारण शुरू हुआ। इसे ‘इंडियन ब्रोडकास्टिंग कंपनी’ नाम की एक निजी संस्था ने शुरू किया। इसके बाद 23 अगस्त को कोलकाता से भी रेडियो प्रसारण शुरू हुआ।

और पढ़ें: 'हिन्दू पाकिस्तान' के बाद शशि थरूर का एक और विवादास्पद बयान, कहा- देश में मुसलमानों से ज्यादा सुरक्षित गाय

Source : News Nation Bureau

Birthday Bal Gangadhar Tilak Chandra Shekhar Azad
Advertisment
Advertisment