असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने रविवार को 150 से अधिक स्थानीय मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने बताया सभी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि राज्य के कुछ हिस्सों में जनसंख्या वृद्धि विकास के लिए खतरा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख शख्सियतों ने अल्पसंख्यक समुदाय में जनसंख्या नियंत्रण के लिए विभिन्न उपाय सुझाए. उन्होंने कहा कि सरकार आठ उपसमूहों का गठन करेगी जिनमें स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग सदस्य होंगे. ये उपसमूह अगले तीन महीनों में समुदाय के विकास को लेकर अपनी रिपोर्ट देंगे. ये उपसमूह स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण, सांस्कृतिक पहचान, जनसंख्या स्थिरीकरण और वित्तीय समावेश जैसे सेक्टरों पर रिपोर्ट तैयार करेंगे.
150 मुस्लिम बुद्धिजीवियों से की बात
बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में सरमा ने बताया, 'मैंने 150 से ज्यादा बुद्धिजीवियों, लेखकों कलाकारों, इतिहासकारों, प्रोफेसरों और अन्य से मुलाकात की. हमने ऐसे विभिन्न मसलों पर विचार किया जिनका असम के अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सामना कर रहे हैं. बैठक में मौजूद सभी लोगों ने इस बात पर सहमति जताई कि असम के कुछ भागों में जनसंख्या विस्फोट राज्य के विकास के लिए खतरा है. असम को अगर देश के पांच शीर्ष राज्यों में शुमार होना है तो हमें अपने जनसंख्या विस्फोट से निपटना होगा. इस पर सभी ने सहमति व्यक्त की.'
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उपसमूह अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े सभी मुद्दों पर करेंगे विचार-विमर्श
असर सरकार की ओर से गठित 8 उपसमूह अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. इन रिपोर्टो का संकलन करने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के उत्थान के लिए एक रोडमैप बनाया जाएगा. उसी रोडमैप के मुताबिक सरकार अगले पांच साल तक काम करेगी. हर उपसमूह में समुदाय से एक चेयरमैन और सरकार की ओर से एक सदस्य सचिव होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अगले दौर की बैठक मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिज्ञों और छात्र संगठनों के साथ होगी. साथ ही उन्होंने कहा, 'अगले कुछ दिनों में मैं प्रवासी मुस्लिमों या मूल रूप से पूर्वी बंगाल के मुस्लिमों के प्रतिनिधियों के साथ बैठूंगा. दोनों मुस्लिम समुदायों (स्थानीय और पूर्वी बंगाल) के बीच विशिष्ट सांस्कृतिक अंतर है और हम उसका सम्मान करते हैं.' बैठक में पद्मश्री डॉ इलियास अली और अली अहमद जैसे अल्पसंख्यक समुदाय के प्रख्यात लोग शामिल थे.
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दो बच्चों की नीति पर काम कर रही असम सरकार
समाचार एजेंसी 'एएनआइ' के मुताबिक, सरमा ने कहा था कि वह राज्य की दो बच्चों की नीति के मद्देनजर मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक करेंगे. इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि दो बच्चों की नीति ही राज्य में मुस्लिम समुदाय की गरीबी और निरक्षरता खत्म करने का एकमात्र रास्ता है और इस मामले में अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से कोई विरोध नहीं है. हालांकि उस वक्त इस बयान को लेकर कई लोगों ने रोष प्रकट किया था. यह अलग बात है कि सीएम संग बैठक के बाद लोगों में जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन पर सहमति बनती दिख रही है.
HIGHLIGHTS
- 150 से अधिक स्थानीय मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात
- सीएम हेमंत बिस्व सरमा की दो बच्चों की नीति पर पहल
- विचार-विमर्श के लिए बनाए गए 8 उपसमूह