17वीं लोकसभा के 2 साल पूरे होने पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि किसी भी लोकतंत्र में निर्णय का आधार सिर्फ बहुमत नहीं हो सकता है. उन्होंने बताया कि लोकतंत्र में निर्णय सिर्फ बहुमत पर नहीं, परन्तु सर्वसम्मति के आधार पर होने चाहिए. लोकतंत्र में विपक्षी सदस्यों के विचारों को भी सम्मान करने की जरुरत है. जब तक विपक्ष के सदस्यों के विचार का सम्मान नहीं होगा, लोकतंत्र सही मायने में सफल नहीं हो सकता है. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मेरा प्रयास है कि जिस पार्टी का एक भी सदस्य हो उन्हें भी अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए.
ओम बिरला ने कहा कि संसद सदस्यों का तर्क है कि मतभेद की स्थिति में तख्तियां दिखाने और सदन के वेल में आ कर नारे लगाने की परंपरा रही है. मैंने उन्हें विनम्रता से कहा कि ऐसी परंपराएं अच्छी नहीं होतीं. मेरी कोशिश रही है कि किसी भी सदस्य को वेल में आने की जरुरत ही नहीं पड़े. लोकसभा सदस्यों के वर्चुअल बैठक के मुद्दे पर अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कुछ संसदीय समितियों के अध्यक्षों ने वर्चुअल बैठकें करने की मांग की है. चूंकि समितियों की बैठकें लोकसभा के नियमों के अनुसार वर्गीकृत की जाती हैं, इसलिए उन्हें सार्वजनिक डोमेन में नहीं आना चाहिए. हम इस अनुरोध को समिति के पास ले जाएंगे और इस पर चर्चा करेंगे.
यह भी पढ़ें :जम्मू कश्मीर उरी में नार्को आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़, 6 गिरफ्तार
लोकजनशक्ति पार्टी के ताजा घटनाक्रम पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि जहां तक एलजीपी का मसला है पशुपति पारस के नेतृत्व में पांच सांसद आए और उन्होंने चिट्ठी सौंपी और उस पर निर्णय लिया. उन्होंने आगे बताया कि चिराग पासवान की भी चिट्ठी पहुंची है और उस पर भी संज्ञान लेंगे. उन्होंने बताया कि जब जरूरत होगी तो उनको भी बुलाएंगे. चिराग पासवान के लिए उन्होंने कहा कि वह मुझसे जब चाहे मिल सकते हैं.
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की तारीफ की हैं, पीएम ने स्पीकर के कामों की सराहना करते हुए ट्वीट किया और लिखा- पिछले दो वर्षों में ओम बिरला जी ने कई कदम उठाए हैं जिन्होंने हमारे संसदीय लोकतंत्र को समृद्ध किया है और उत्पादकता में वृद्धि की है, जिससे कई ऐतिहासिक और साथ ही जन-समर्थक कानूनों को पारित किया गया है. उसे बधाई!. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और ट्वीट करते हुए कहा- गौरतलब है कि ओम बिरला ने पहली बार सांसद, युवा सांसदों और महिला सांसदों को सदन के पटल पर बोलने का अवसर देने पर विशेष जोर दिया है. उन्होंने विभिन्न समितियों को भी मजबूत किया है, जिनकी हमारे लोकतंत्र में भूमिका महत्वपूर्ण है.
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर की तारीफ की
- निर्णय बहुमत पर नहीं,सर्वसम्मति के आधार पर होने चाहिए
- वर्चुअल बैठक का मुद्दा समिति के पास
Source : News Nation Bureau