सशस्त्र सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल के लिये ऐतिहासिक कदम उठाया है। ज्वाइंट ट्रेनिंग के माध्यम से सैन्य बलों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिये सिद्धांत पत्र जारी किया गया है।
इस 51 पन्नों के दस्तावेज़ को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के चेयरमैन एडमिरल सुनील लांबा ने जारी किया।
सेना के अधिकारी ने बताया कि दस्तावेज 'ज्वाइंट ट्रेनिंग डॉक्ट्रीन इंडियन आर्म्ड फोर्सेज़-2017' को बेहतर तरीके से तैयार किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि इसके कई फायदे हैं इससे तीनों बलों में तालमेल के साथ ही कार्य क्षमता बढ़ेगी। सात ही यह सैद्धांतिक दस्तावेज़ का काम करेगा और इसके दूरगामी परिणाम भी आएंगे।
उन्होंने कहा, 'इसका लक्ष्य तीनों सेनाओं और इससे जुड़े अन्य अंगों के बीच तालमेल और एकरुपता लाने का है ताकि इनकी क्षमता को और बढ़ाई जा सके।'
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आधुनिक युद्ध-रणनीति को देखते हुए विपरीत परिस्थितियों में तीनों सेनाओं के बीच एकीकरण और समन्वय को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
कई पश्चिमी देश अपनी तीनों सेनाओं के जवानों और अधिकारियों को संयुक्त ट्रेनिंग दे रहे हैं। 1990 में हुई खाड़ी की लड़ाई में सेना के तीनों अंगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अधिकारी ने बताया, 'भविष्य में होने वाली लड़ाई ऐसे वातावरण में होगी जहां तीनों सेनाएं एक साथ काम करेंगी। इस दस्तावेज़ से तीनों सेनाओं की ट्रेनिंग के लिये बेसिक फ्रेमवर्क तैयार होगा।'
इसमें अंतरराष्ट्रीय ट्रेनिंग पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। हाल ही में रूस के साथ हुए संयुक्त अभ्यास में 'इंदिरा-2017' इस तरह की ट्रेनिंग हुई थी।
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Source : News Nation Bureau