Advertisment

पीएम मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान के उकसाने पर भारत दे सकता है अधिक सैन्य बल से जवाब

खुफिया रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि कश्मीर में हिंसक अशांति या भारत में कोई और आतंकवादी हमला संभावित संघर्ष को नया मोड़ दे सकता है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Surgical  Strike

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने माना पाक का आतंकवाद में हाथ.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

अमेरिकी खुफिया संस्था ने गुरुवार को कहा कि पहले की तुलना में पाकिस्तान (Pakistan) की किसी भी उकसाने वाली कार्रवाई के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत अधिक सैन्य बल (Surgical Strike) से जवाब दे सकता है. अपनी वार्षिक खतरे की आकलन रिपोर्ट में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने भारत और उसके दो पड़ोसियों क्रमशः पाकिस्तान और चीन (India China Standoff) के बीच बढ़ते तनाव पर भी प्रकाश डाला है. इस रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया गया है कि भारत लंबे समय से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद (Terrorism) का शिकार रहा है. हालांकि अब मोदी सरकार ऐसी किसी भी उकसावेपूर्ण वाली घटना पर जैसे को तैसा वाला मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार रह सकती है. 

पाकिस्तान भारत विरोधी आतंकी समूहों का करता है समर्थन
अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संकट खासतौर से चिंता का विषय है. दोनों ही परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और इनके बीच सशस्त्र संघर्ष खतरनाक मोड़ ले सकता है. हालांकि नई दिल्ली और इस्लामाबाद 2021 की शुरुआत से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के नए समझौते के साथ मौजूदा शांति को बनाए रखने के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन देने का एक लंबा इतिहास रहा है और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की पाकिस्तान के उकसावे पर सैन्य बल से जवाब देने की पहले की तुलना में अधिक संभावना है. खुफिया रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि कश्मीर में हिंसक अशांति या भारत में कोई और आतंकवादी हमला संभावित संघर्ष को नया मोड़ दे सकता है. गौरतलब है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी.

यह भी पढ़ेंः Pakistan Crime: पाकिस्तान में हिंदू डॉक्टर की होली के दिन बेरहमी से हत्या, वजह जान रह जाएंगे दंग

भारत-चीन विवाद में अमेरिकी दखल की जरूरत
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में गलवान संघर्ष के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. हालांकि भारत और चीन द्विपक्षीय वार्ता में लगे हुए हैं और कुछ तनावपूर्ण सीमा विवादों को सुलझाया भी है. इस कड़ी में भारत ने दो टूक कहा है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमावर्ती इलाकों में शांति स्थापित नहीं हो जाती. रिपोर्ट में कहा गया है विवादित सीमा पर भारत और चीन दोनों ने अपने-अपने सैन्य जमावड़े को बढ़ा दिया है. ऐसे में दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम को और बढ़ा दिया है, जिससे अमेरिकी और हितों के लिए सीधा खतरा हो सकता है. ऐसी किसी स्थिति में अमेरिकी हस्तक्षेप की जरूरत पड़ सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लगातार छिटपुट संघर्ष कभी भी बड़े संघर्ष में तब्दील हो सकता है. 

HIGHLIGHTS

  • अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट ने माना पाकिस्तान दे रहा आतंकी समूहों को समर्थन
  • पाक की उकसाने वाली कार्रवाई पर भारत की जवाबी प्रतिक्रिया हो सकती है कड़ी
  • चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव भी ले सकता है खतरनाक मोड़
PM Narendra Modi INDIA pakistan पाकिस्तान चीन भारत Terrorism पीएम नरेंद्र मोदी china surgical strike आतंकवाद भारत चीन विवाद India China Standoff Galwan गलवान हिंसा एलएसी
Advertisment
Advertisment
Advertisment