केंद्र सरकार ने बुधवार को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत 14,903 करोड़ रुपये की राशि तय की है. इसे पांच साल यानि 2022 से 2026 की बीच उपयोग में लाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ाते हुए इस राशि को खर्च किया जाएगा. इसकी खास बात यह है कि इस दौरान सरकार की योजना डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को ताकतवर बनाना है. इसके लिए नौ नए सुपर कंप्यूटर बनाने की तैयारी है. भारत के पास इस समय 18 सुपर कंप्यूटर हैं. इसकी मदद से डिजिटल इंडिया प्रोग्राम को देश में चलाया जा रहा है.
4,500 करोड़ की राशि तय गई थी
डिजिटल पेमेंट के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान को लेकर सरकार इसके आधार पर अपनी बुनियाद तैयार करेगा. इस अभियान की शुरुआत 2015 में हुई. इसके तहत सरकार की योजना थी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इंटरनेट की कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. इस तरह से डिजिटल सिस्टम को ताकतवर बनाया गया है. इसके लिए 4,500 करोड़ की राशि तय गई थी.
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क्या होता है सुपर कंप्यूटर?
मन में ये सवाल उठता है कि आखिरकार सुपर कंप्यूटर है क्या? ये किस तरह से काम करता है. दरअसल, सुपर कंप्यूटर एक सामान्य कंप्यूटर की तुलना में काफी तेज से काम करता है. सुपर कंप्यूटर का प्रदर्शन मिलियन इंस्ट्रक्शन प्रति सेकंड (MIPS) के बजाय फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड (FLOPS) में मापी जाती है. सुपर कंप्यूटर में हजार प्रोसेसर हैं. ये प्रति सेकंड में अरबों-खरबों गणनाएं करने में सक्षम है. सुपरकंप्यूटर में प्रोसेसर में सूचनाओं का अदान प्रदान तेजी से होती है. सुपर कंप्यूटर का डेटा गहन इंजीनियरिंग के लक्ष्यों जैसे मौसम पुर्वानुमान, तेल और गैस इंवेस्टिगेशन, फिजिकल सिम्युलेशन आदि में किया जाता है.
Source : News Nation Bureau