राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागव ने देश पर हमला करने वाले मुस्लिम (Muslim) आक्रमणकारियों पर जमकर निशाना साधा. मोहन भागवत ने कहा कि पहले जब विदेशी आक्रमणकारी भारत में आते थे तो लूटमार करके चले जाते थे, लेकिन जब इस्लामिक आक्रमणकारी यहां आए तो उन्होंने देश को लूटा और यहीं पर बस गए. उन्होंने कहा कि भारत में कोई विदेशी नहीं है, सब हिंदू पूर्वजों के वंशज हैं. अंग्रेजों की रीति-नीति को उलाहना देते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने देश की एकता को बाधित करने के लिए मुसलमानों में अलगाववाद पैदा करने की कोशिश की थी. इसके साथ ही उन्होंने सभी से मिल-जुलकर रहने पर जोर देते हुए देश को आगे ले जाने की अपील की. कंस्टीट्यूशन क्लब में आरएसएस के पूर्व प्रचारक और सेंटर फॉर सिविलाइजेशन स्टडीज के निदेशक रवि शंकर की 'ऐतिहासिक काल-गणना: एक भारतीय विवेचन' पुस्तक का विमोचन करते हुए संघ के सरसंघचालक ने कहा कि शक्तिशाली राष्ट्र, दुर्बल राष्ट्र पर शासन करने की कोशिश करते हैं. इसका उदाहरण देने की जरूरत नहीं है. सबको पता है.
इतिहास और परंपरा कतई नहीं भूलें
भागवत ने भारतीयों से इतिहास और परंपराओं को नहीं भूलने की अपील की. उन्होंने कहा कि आक्रमणकारियों के आने से पहले से ही हम अपनी समृद्ध और गौरवशाली परंपराओं को भूलने लगे थे. मोहन भागवत ने भारत में खेती-किसानी की प्राचीन समृद्ध परंपरा की चर्चा करते हुए बिहार के एक प्रगतिशील किसान परिवार का उदाहरण दिया. बताया कि उच्च शिक्षित परिवार उन्नतशील खेती करने में जुटा है. मोहन भागवत ने देश में जैविक खेती की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारे किसान को अपने आधार पर खेती करनी चाहिए. किसानों की प्रतिभा और पूर्वजों का ज्ञान हमारे पास है. हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है, तो देश को अपनी आत्मा में देखना होगा. अब कोई विदेशी आक्रमणकारी भारत में आने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में सभी को सम्मान मिलता है. यहां पर 40-45 देशों के लोग 4-5 साल के बाद भारत आते हैं.
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औरंगजेब ने मुसलमानों में अलगाववाद पैदा किया
मोहन भागवत ने कहा कि गांधी जी ने कहा था हिंदुत्व सत्य के सतत अनुसंधान का नाम है. ये काम करते-करते आज हिंदू समाज थक गया है, सो गया है, परंतु जब जागेगा पहले से अधिक ऊर्जा लेकर जागेगा और सारी दुनिया को प्रकाशित कर देगा. संघ प्रमुख ने कहा कि आज हम अपनी भाषा और तर्कशक्ति से सोच भी नहीं सकते हैं. हमें अब भारत को 'भारत' की नजर से समझना पडेगा. पहले लोग कहते थे कि इतने राजा होने के बाद भी देश एक-एक राष्ट्र कैसे बन सकता है, लेकिन वह बना. उन्होंने कहा कि हजारों सालों से हमारे देश में जैविक खेती का जो तरीका था, वह अब वापस आ रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा किसान ही हमारा शास्त्र है.
HIGHLIGHTS
- हिंदू समाज थक कर सो गया है, अधिक ऊर्जा ले जागेगा
- भारत में कोई विदेशी नहीं है, सब हिंदू पूर्वजों के वंशज
- भारतीयों से इतिहास और परंपराओं न भूलने की अपील
Source : News Nation Bureau