रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिन के आधिकारिक दौरे पर आज यानि बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंच चुके हैं. भारत के लिए यह दौरा काफी अहम है, क्योंकि यूक्रेन मुद्दे पर भारत के साथ के लिए अमेरिका के डिप्टी NSA दलीप सिंह दो दिन के भारत दौरे पर हैं. इस बीच, ब्रिटेन की विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस भी गुरुवार को एक दिन के भारत दौरे पहुंची हैं. दिल्ली में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से रूस, अमेरिका औऱ ब्रिटेन के विदेश मंत्री और विदेश सचिवों से यूक्रेन, कोरोना और कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात की.
भारत-यूके स्ट्रैटेजिक फ्यूचर्स फोरम में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि, "यूक्रेन- रूस संकट ने भारत की तत्काल चिंता को बढ़ा दिया था. क्योंकि हमारे देश के वहां लगभग 22,000 छात्र थे; उन्हें सुरक्षित बाहर निकालना काफी चुनौती भरा था और यूक्रेन के बहुत से पड़ोसी देश बेहद मददगार बनें."
उन्होंने कहा कि, पिछले 2-3 वर्षों में, COVID-19 एक बड़ा झटका रहा है, अफगानिस्तान एक झटका लगा है, यूक्रेन एक नया झटका है और एक हद तक इससे यूएस-चीन संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा.
विदेश मंत्री ने कहा कि पिछली गर्मियों में हमने अफगानिस्तान में जो कुछ होता हुआ देखा, उसका निश्चित रूप से भारत पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा, अफगानिस्तान की उथल-पुथल का यूरोप पर ऐसा प्रभाव नहीं पड़ना था जैसा भारत पर पड़ा. जरूरी नहीं कि लोग तालिबान के आने से उसी तरह संबंधित हों या उसी तरह प्रभावित लोगों के साथ पहचान करें.
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रूस-यूक्रेन संकट पर बोलते हुए ब्रिटिश विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस ने कहा कि, "दुनिया भर के देश समझते हैं कि अगर कोई हमलावर एक संप्रभु राष्ट्र पर हमला करके भाग जाता है तो एक मूलभूत समस्या है. यह विचार कि हमें इस संकट के कारण केवल यूरोप पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, गलत है, इसके दूरगामी प्रभाव होंगे."
India is a sovereign nation, I am not gonna tell India what to do: British Foreign Secretary Elizabeth Truss, on being asked about India seeking to buy amounts of Russian oil at a very steep discount pic.twitter.com/AX9FOQL7Xy
— ANI (@ANI) March 31, 2022
उन्होंने यूक्रेन की जनता की तारीफ करते हुए कहा कि, अपने देश के लिए लड़ने वाले यूक्रेनियन और यूक्रेन के बहादुर लोगों की प्रतिक्रिया और संवाद करने की स्वतंत्रता उन रूसियों की तुलना में अधिक प्रभावी साबित हो रही है जिन्हें उन कारणों से युद्ध में लड़ने के लिए कहा गया था जिन्हें वे नहीं जानते.
ब्रिटिश विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस ने कहा कि हम देख रहे हैं कि खाद्य सुरक्षा खतरे में है, वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा खतरे में है. मैं यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए भारत की तारीफ करती हूं. यह समान विचारधारा वाले देशों को आर्थिक और रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है.
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन संकट से ऊर्जा की कीमतों, वस्तुओं पर संघर्ष के प्रभाव के साथ, निश्चित रूप से दुनिया के हमारे हिस्से के लिए वास्तविक समस्याएं अभी भी आनी बाकी हैं. अगर वित्त और रसद बाधित हो जाते हैं और बाजार में उथल-पुथल होती है, तो दुनिया भर में इसके परिणाम होंगे.