उद्धव ठाकरे (Udhav thackeray) के भतीजे निहार ठाकरे (Nihar Thackeray) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena) गुट को अपना समर्थन दिया है. यह विकास शिंदे खेमे के लिए एक बड़ा बढ़ावा है, जिन्होंने असली शिवसेना के रूप में मान्यता के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) का दरवाजा खटखटाया था. निहार ठाकरे (Nihar Thackeray) शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के पोते और दिवंगत बिंदुमाधव ठाकरे (bindu madhav thackeray) के बेटे हैं, जिनकी 1996 में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी. निहार मुंबई में एक वकील के रूप में काम करते हैं और उनकी शादी भाजपा नेता हर्षवर्धन पाटिल की बेटी अंकिता से हुई है.
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इस बीच, चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) दोनों को यह साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा है कि उनके पास शिवसेना में बहुमत के सदस्य हैं. दोनों गुटों को 8 अगस्त की दोपहर 1 बजे तक जवाब देने को कहा गया है, जिसके बाद चुनाव आयोग शिवसेना के दोनों गुटों के दावों और विवादों को लेकर सुनवाई करेगा. "असली शिवसेना" को लेकर चल रहा झगड़ा चुनाव आयोग तक पहुंच गया है. उद्धव गुट और ठाकरे गुट दोनों ने चुनाव पैनल को पार्टी पर अपना-अपना दावा पेश किया है.
उद्धव ठाकरे के खेमे के अनिल देसाई ने कई मौकों पर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी के कुछ सदस्य पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हैं. उन्होंने शिंदे गुट द्वारा 'शिवसेना' या 'बाला साहब' नामों का उपयोग करके किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना पर भी आपत्ति जताई थी. इस बीच, एकनाथ शिंदे खेमे ने चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 का हवाला देते हुए चुनाव आयोग से समूह को शिवसेना घोषित करने और समूह को पार्टी का चिह्न "धनुष और तीर" आवंटित करने के लिए कहा है. शिंदे ने चुनाव आयोग को यह भी बताया है कि 55 में से 40 विधायक, कई एमएलसी और 18 में से 12 सांसद उनके साथ हैं.