भारत और चीन सीमा (India China Dispute) पर जारी गतिरोध के दौरान मई में राजनीतिक हलकों की ओर से सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर '6-7 जगहों को पहचान कर कब्जा करने का' आदेश मिल गया था. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि निर्देशों के बाद सेना ने योजनाएं बनाईं और अगस्त-अंत में चीनी सैनिकों को मात देकर मुखपरी, रेजांग ला, रेचिन ला और गुरुंग हिल और सब सेक्टर में पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी किनारे के क्षेत्र पर कब्जा कर लिया.
अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व ने मई में ही उन छह से सात जगहों की पहचान करने के आदेश दिये थे, जहां हम जा सकते थे. इन पोस्ट्स की अहमियत के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारी ने कहा कि इनमें से कई एलएसी से आगे हैं. अधिकारी ने कहा, 'इसने भारत को चीन से बात करने के लिए कुछ दिया है.'
उनका शीर्ष नेतृत्व इस बात को लेकर राजी नहीं!
इंडियन एक्सप्रेस में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, एख सरकार अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत चीन से 9वीं दौर की वार्ता के लिए जवाब का इंतजार कर रहा है. 6 नवंबर को दोनों देशों के बीच 8वें दौर की वार्ता हुई थी. अधिकारी के अनुसार, चीन ने पहले पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर फिंगर 4 से फिंगर 8 तक अपने सैनिकों हटाने की इच्छा दिखाई थी, लेकिन अब वह ऐसा नहीं चाहता. ऐसा लगता है कि उनका शीर्ष नेतृत्व इस बात को लेकर राजी नहीं है.
अधिकारी ने कहा चीन सितंबर से यही मांग कर रहा है कि भारतीय सैनिकों को चुशुल सब सेक्टर और पैंगोंग त्सो के दक्षिण इलाके की ऊंचाइयों से वापस जाना चाहिए. अधिकारी ने कहा 'चीन चाहता है कि हम दक्षिण (बैंक) से जाएं. हमने चीन से कहा है कि समाधान एक होना चाहिए ताकि सभी गतिरोध वाली जगहों पर चर्चा हो. दक्षिणी बैंक को पहले खाली करने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
Source : News Nation Bureau