पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद चीन (China) के खिलाफ देशभर में गुस्सा है. देश में चीनी निवेश का विरोध बढ़ रहा है तो चीनी सामानों का बहिष्कार भी किया जा रहा है. अब चीनी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी भी नौकरी छोड़ रहे हैं. लोगों के घरों तक भोजन पहुंचाने वाली ऐप आधारित कंपनी जोमैटो (Zomato) के कुछ कर्मचारियों ने नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
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गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने पर इन कर्मचारियों ने चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करते हुए शनिवार को कोलकाता में कंपनी की टी-शर्ट फाड़ी और जलाई. बेहाला में प्रदर्शन के दौरान उसमें शामिल कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने जोमैटो की नौकरी छोड़ दी है, क्योंकि इसमें चीन का निवेश है. साथ ही, उन्होंने लोगों से जोमैटो के जरिये भोजन का ऑर्डर नहीं करने का अनुरोध किया.
प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा, ‘चीनी कंपनियां यहां से मुनाफा कमा रही हैं और हमारे सैनिकों पर हमले कर रही हैं. वे हमारी भूमि हथियाना चाहती हैं. ऐसा नहीं होने दे सकते.’ नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों से जब रोजी रोटी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह भूखे रह लेंगे, मगर देश पर बुरी नजर डालने वालों के साथ कतई काम नहीं करेंगे.
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गौरतलब है कि चीन की कंपनी अलीबाबा से जुडे एंट फाइनेंशियल ने 2018 में जोमैटो में 21 करोड़ डॉलर का निवेश कर उसकी 14.7 प्रतिशत साझेदारी (शेयर) खरीद ली थी. जोमैटो ने हाल ही में एंट फाइनेंशियल से 15 करोड़ डॉलर की राशि फिर से जुटायी है. मई में जोमैटो ने अपने 13 प्रतिशत कर्मचारियों, 520 लोगों को कोविड-19 महामारी का हवाला देकर नौकरी से निकाल दिया था. जोमैटो से इस संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है और ना ही इस बारे में कोई जानकारी मिली है कि प्रदर्शन करने वाले लोग कहीं नौकरी से निकाले गए कर्मचारी तो नहीं हैं.
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