कोरोना की तीसरी लहर देश भर में कहर बरपा रहा है. देश भर में आने वाले कोरोना के नए केसों की संख्या डराने वाले हैं. कोरोना मामलों को लेकर एक नया आंकड़ा सामने आया है. जिसमें ये बात सामने आई है कि तीसरी लहर में किस उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा है. नवी मुंबई नगर निगम के आंकड़े पर विश्वास करें तो इस बार बच्चे और बुजुर्ग नहीं 21 से 40 साल उम्र के लोग तीसरी लहर का प्रकोप झेल रहे हैं.
नवी मुंबई नगर निगम की ओर से जारी इन आंकड़ों ने इस भविष्यवाणी को खारिज कर दिया है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे और बुजुर्ग होंगे. जब मार्च 2020 में महामारी शुरू हुई थी तो इस महाप्रकोप की चपेट में आने वालों में सबसे अधिक 45-65 वर्ष के आयु वर्ग के लोग थे. नवी मुंबई नगर निगम के आयुक्त अभिजीत बांगर का कहना है कि यह शायद साल के अंत में छुट्टियों के मौसम की वजह से है. उन्होंने कहा कि 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में संक्रमण की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक नहीं है, जबकि 18 से कम उम्र के लोग कुल सक्रिय मामलों का 10 प्रतिशत हैं.
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बांगर ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान 45-65 वर्ष का आयु वर्ग ज्यादा प्रभावित था जबकि अब तीसरी लहर के दौरान यह पिछले की तुलना में छोटा है. हालांकि बाल चिकित्सा मामलों की रिपोर्ट की जाती है, लेकिन यह वैसा नहीं है जैसा कि आशंका थी.
आंतरिक चिकित्सा, फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल के निदेशक डॉ. फराह इंगले ने कहा कि पहली लहर के दौरान हमने देखा कि 40-60 वर्ष की आयु के रोगी संक्रमित थे क्योंकि वे मौजूदा कॉमरेडिडिटी के कारण अधिक जोखिम में थे. उनमें से अधिकांश को दूसरी लहर द्वारा टीका लगाया गया था, इसलिए मध्यम आयु वर्ग जिसे टीका नहीं लगाया गया था, वह संक्रमित था. वर्तमान स्थिति में युवा आबादी न्यू ईयर सेलिब्रेशन, क्रिसमस जैसे सामाजिक त्योहारों और सैर-सपाटे आदि में व्यस्त रहे. इसलिए इस बार तीसरी लहर ने उन्हें ज्यादा प्रभावित किया है. इस बार कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पिछले वैरिएंट की तुलना में ज्यादा तेज गति से फैल रहा है, इसलिए इस आयु वर्ग में संक्रमण के अधिक मामले देखे जा रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- पहली लहर में 40-60 वर्ष की आयु के लोग हुए थे ज्यादा संक्रमित
- दूसरी लहर के दौरान 45-65 वर्ष का आयु वर्ग ज्यादा प्रभावित
- 21 से 40 साल उम्र के लोग झेल रहे हैं तीसरी लहर का प्रकोप