निर्भया गैंग रेप के सभी दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई है लेकिन फांसी पर चढ़ाये जाने से पहले उनकी आखिरी रात बेहद तनावपूर्ण कटी. पूरी रात आरोपी बैरक में बेचैन घूमते नजर आए. 15 पहरेदारों को आरोपियों की सुरक्षा के लिए लगाया गया था. इनकी सिर्फ सिर्फ एक ड्यूटी है, कि कानून ने जो उनके लिए सजा निर्धारित की है उसमें किसी तरह का व्यवधान ना पड़े. चारों दोषी ना खुद को कोई नुकसान पहुंचा सके ना किसी दूसरे को.
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पिटीशन खारिज होने की जानकारी मिलते ही हुए बेचैन
गुरुवार देर शाम तक दोषियों को उनकी पिटीशन खारिज होने की जानकारी मिल गई थी. जेल सूत्रों का कहना है की जेल में शाम 5:30 बजे डिनर सर्व किया गया तो पवन को छोड़कर बाकी का व्यवहार सामान्य था. सभी ने एक दो रोटियां खाई. देर रात तक चारों आरोपी बैरक में घूमते रहे. CCTV फुटेज से सभी पर नजर रखी जा रही थी. इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी भी उनकी पहरेदारी में लगे थे. एकाएक सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद आरोपी समझ चुके थे कि अब उनका फांसी से बचना नामुमकिन है.
पवन को हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखा गया
चारों आरोपियों में पवन ही सबसे ज्यादा अग्रेसिव था. वह पहले भी जेल प्रशासन को परेशान करने वाली हरकतें कर चुका था. पांच-पांच सुरक्षाकर्मी चारों के साथ शेडो की तरह लगाए गए थे. इसे देखते हुए पवन को तिहाड़ जेल के हाई सिक्योरिटी वार्ड नंबर-1 में रखा गया था जबकि मुकेश और विनय को वार्ड नंबर आठ में रखा गया. अक्षय को वार्ड नंबर-7 में रखा गया.
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रात दो बजे तक सेल में घूमते रहे
चारों आरोपी देर रात 2 बजे तक अपनी सेल में घूमते रहे. उनके चेहरे पर तनाव साफ देखा जा सकता था. कुछ देर के लिए उन्हें नींद आई लेकिन फिर जाग गए. सभी को अलग-अलग वार्ड में बिल्कुल अकेला रखा गया था. इन चारों को काबू में रखने के लिए ही अनुभवी दो असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट को खासतौर पर 3 दिन के लिए तिहाड़ जेल में भेजा गया.
Source : Avneesh Chaudhary