चीन (China) के साथ खूनी झड़प के बाद डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (DFCCIL) ने बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ऑफ़ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप कंपनी लिमिटेड के साथ अनुबंध को समाप्त कर लिया है. सीमा पर खराब प्रदर्शन के चलते ऐसा निर्णय लिया गया है. इसी के साथ चीन ने भारत को बड़ा झटका दे दिया है. भारत ने डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर का काम छिन लिया है.
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क्या है डेडिकेट फ्रेट कॉरिडोर
भारत सरकार ने बीजिंग के साथ एक अनबंध किया था. जिससे बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ऑफ़ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप कंपनी लिमिटेड के साथ मालगाड़ी के चलने के लिए एक कॉरिडोर बनाने के लिए अनुबंध किया था. लेकिन बॉर्डर पर खराब संबंध के चलते इस अनुबंध के समाप्त कर लिया है. इससे चीन को बडा झटका लगा है. इससे पहले लोगों ने चीनी प्रोडक्ट्स को बैन करने की अपील की है. लोगों ने कई जगह चीनी सामान की होली भी जलाई है. इससे चीन को यह संकेत दिया है कि चीन को रॉकेट से नहीं बल्कि पॉकेट से हरा सकते हैं. चीन के उद्योग को सीधा नुकसान पहुंचेगा. जिससे चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ेगी.
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चीन के सभी सामानों सहित देश के लोगों से चीनी खाने का भी बहिष्कार करने की अपील की
वहीं मोदी सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने चीन के हमले में 20 जवानों के शहीद होने की घटना पर चीन के सभी सामानों सहित देश के लोगों से चीनी खाने का भी बहिष्कार करने की अपील की है. उन्होंने सरकार से चाइनीज फूड और होटल को भारत में बंद करने की जरुरत बताई है. रामदास आठवले ने कहा कि सीमा पर शहीद हुए 20 बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. आठवले ने ट्वीट कर कहा, “चीन धोखा देनेवाला देश है. भारत मे चीन के सभी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए. चायनीज फूड और चायनीज फूड के होटल भारत मे बंद करने चाहिए.
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20 वीर जवान शहीद हुए
रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया(आठवले) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास अपने बयानों के लिए खासे चर्चित हैं. रोचक अंदाज में वह बात करने के लिए जाने जाते हैं. रामदास आठवले ने सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “लद्दाख के गलवान घाटी में सीमा पर चीन के साथ झड़प में 20 वीर जवान शहीद हुए. वीरगति प्राप्त जवानों को विनम्रतापूर्वक श्रद्धांजलि. जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. शहीद जवानों के परिवारवालों के साथ भारत सरकार और भारतवासी खड़े हैं.