कमजोर वर्गो को प्रभावित करने वाली घटनाओं को आतंकी खतरों के समान लिया जाए : मोदी

प्रधानमंत्री ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन की ‘भावनाओं’ को थाना स्तर तक पहुंचाएं जिसमें अनुभवों को साझा करना और वर्तमान चुनौतियों के बारे में नया रुख अपनाना शामिल है.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
कमजोर वर्गो को प्रभावित करने वाली घटनाओं को आतंकी खतरों के समान लिया जाए : मोदी

पीएम मोदी( Photo Credit : फाइल)

Advertisment

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से कहा है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं जैसे समाज के कमजोर तबकों को प्रभावित करने वाली घटनाओं से तत्परता निबटा जाए और इस तरह के खतरों को आतंकवाद की चुनौतियों की तरह लिया जाए. पुणे में 6 से 8 नवम्बर 2019 को हुए पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के 54वें सम्मेलन के कार्यवाही ब्यौरे के मुताबिक मोदी ने देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के समक्ष ये टिप्पणियां अपने नारे ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के अनुरूप की.

बैठक के ब्यौरों के मुताबिक, ‘समाज के कमजोर तबकों को प्रभावित करने वाली घटनाओं से पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ निपटने पर जोर देते हुए उन्होंने प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि इस तरह की घटनाओं को सीटी (आतंकवाद निरोधक) खतरों के समान लिया जाए.’ प्रधानमंत्री ने समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन की ‘भावनाओं’ को थाना स्तर तक पहुंचाएं जिसमें अनुभवों को साझा करना और वर्तमान चुनौतियों के बारे में नया रुख अपनाना शामिल है. इस संदर्भ में उन्होंने एक ऐसा तंत्र कायम करने का सुझाव दिया जिससे सम्मेलन में हुआ विचार विमर्श तीन माह की अवधि में पुलिस कर्मियों में निचले स्तर तक पहुंच सके. जनता की बदलती मानसिकता के बारे में विभिन्न उदाहरणों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बदलाव से पुलिस विभाग को परिचित होना चाहिए और उसके मुताबिक काम करना चाहिए.

यह भी पढ़ें-कन्हैया के आरोप-पत्र पर निर्णय के लिए विधि विभाग से कहेंगे : सीएम अरविंद केजरीवाल

कट्टरपंथियों को मुख्यधारा में शामिल करें : पीएम मोदी

वाम चरमपंथ के मुद्दे पर उन्होंने नक्सल प्रभावित राज्यों के सीमावर्ती जिलों के थानों के बीच समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि वाम चरमपंथ प्रभावित इलाकों के बाहर लोगों के जरिये विकास के विमर्श की जानकारी पहुंचायी जानी चाहिए. पुलिस से वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि शैक्षणिक रूझान वाले अधिकारियों की टीम को 50 से 100 पूछताछ वाली रिपोर्ट का अध्ययन करना चाहिए ताकि काम के तरीके, कट्टरपंथ के साधन और उनको मुख्य धारा में शामिल करने के अवसरों का विश्लेषण किया जा सके. 

यह भी पढ़ें-पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दावा- मोदी सरकार 'मंदी' शब्द को स्वीकार नहीं करती है

निर्भया’ कोष का पूर्ण इस्तेमाल हो: पीएम मोदी

मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस और सीमा की रक्षा करने वाले बलों को जोड़कर एक तंत्र बनाने की अनुशंसा की ताकि पूर्वोत्तर में सुरक्षा नीति में समन्वय हो सके. उन्होंने कहा कि इस तंत्र की पहचान और क्रियान्वयन सरकार की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की से संभावित सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में किया जाना चाहिए.. साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों से महिला सुरक्षा के लिए ‘निर्भया’ कोष का पूर्ण इस्तेमाल सुनिश्चित करने की अपील की. मोदी ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि जब भी उन्हें पेशेवर दुविधा हो तो वे देश हित को देखते हुए सैद्धांतिक दृष्टिकोण अपनाएं. 

PM modi pm modi narendra modi Act East Policy Police Officer
Advertisment
Advertisment
Advertisment