मणिपुर से सामने आए इंसानियत को शर्मसार करने वाले वीडियो ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. आपने वीडियो में देखा होगा कि कैसे कुछ दरिंदों ने दो लड़कियों को निर्वस्त्र कर उन्हें सड़क पर घुमाय. इसके साथ ही वहशी उन दोनों लड़कियों के साथ दुष्कर्म भी किया. इन हंगामे के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है, पुलिस सूत्रों के मुताबिक फर्जी खबर फैलने के कारण यह जघन्य घटना हुई है. दरअसल, 3 मई को मणिपुर में मैतेई (घाटी बहुल समुदाय) और कुकी जनजाति (पहाड़ी बहुल समुदाय) के बीच हिंसा शुरू हुई थी.
आपको बता दें कि मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें कुकी समुदाय की तरह राज्य में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए. जिसका कुकी समाज के लोगों ने विरोध किया और विरोध मार्च निकाला. इस दौरान दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया.
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जान बचाने के लिए भाग गए जंगल
सूत्रों की मानें तो हिंसा शुरू होने के बाद अफवाह फैल गई कि मैतेई समुदाय की एक महिला के साथ बलात्कार हुआ है. इस खबर के बाद मैतेई समुदाय के लोगों की भीड़ कोंगपो जिले के एक गांव में घुस गई. यहां उन्होंने घरों में लूटपाट की और आग लगा दी. यहां से कुकी समुदाय का एक परिवार जिसमें चार लोग थे. अपनी जान बचाने के लिए वह अपने पड़ोसियों के साथ जंगल में भाग गया. इसके बाद पुलिस उन लोगों को बचाकर थाने ले गई.
पुलिस से छीन ले गए
उसी समय मैतेई समुदाय के लोगों ने पुलिस को घेर लिया और कुकी समुदाय के पांच लोगों को पुलिस से छीन लिया. जिसमें भाई और पिता को भीड़ ने मार डाला और बाकी तीन महिलाओं को नंगा करके घुमाया और उनके साथ बलात्कार किया. हालांकि बाद में ये महिलाएं किसी तरह अपनी जान बचाकर भाग निकलीं. लेकिन महिलाओं में एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं हुई.
हालांकि, कुछ दिनों बाद कुछ लोगों ने शिकायत की और 21 मई को एफआईआर दर्ज कराई गई. तब तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई और आरोपियों की धरपकड़ शुरू कर दी. इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वही पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है.
Source : News Nation Bureau