यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में भारत के इन 6 स्थलों को मिली जगह, ऐसे होता है चयन

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि 6 स्थलों को यूनेस्को की संभावित सूची में जगह मिलना देश के लिए बहुत ही गौरव की बात है. साथ ही उन्होंने एमपी से 2 स्थलों के यूनेस्को साइट में चयन को लेकर खुशी जाहिर की है.

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Ravindra Singh
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सांकेतिक चित्र( Photo Credit : फाइल )

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केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की संस्था, एएसआई ने यूनेस्को विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल करने के लिए नौ स्थलों का नाम प्रस्तावित किया था, जिनमें से छह स्थलों को संभावित सूची में शामिल कर लिया गया है. इनमें मध्यप्रदेश के दो स्थल शामिल हैं, जिनमें नर्मदा घाटी स्थित भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व शामिल हैं. इनके अलावा महाराष्ट्र का मराठा सैन्य वास्तुकला, वाराणसी का गंगाघाट रिवरफ्रंट, हायर बेंकल, मेगालिथिक साइट और कांचीपुरम के मंदिरों को संभावित सूची में शामिल किया गया है. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि छह स्थलों को यूनेस्को की संभावित सूची में जगह मिलना देश के लिए बहुत ही गौरव की बात है. साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश से दो स्थलों के यूनेस्को साइट में चयन को लेकर खुशी जाहिर की और कहा कि- ये मध्यप्रदेश वासियों के लिए बहुत ही खुशी और गौरव का क्षण है.

आपको बता दें कि एएसआई ने यूनेस्को वर्ल्ड हैरिटेज में नौ स्थलों को नामांकन के लिए भेजा था. जिनमें मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी के भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट,  मध्य प्रदेश का सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, अरुणाचल प्रदेश के टेल वाइल्डलाइफ सेंचुरी, वाराणसी का प्रतिष्ठित रिवरफ्रंट, जियोग्लिफ़ ऑफ कोंकण , तमिलनाडु स्थित कांचीपुरम के मंदिर, कर्नाटक का बेंकल महापाषाण स्थल, जम्मू की मुबारक मंडी महाराष्ट्र में मराठा सैन्य वास्तुकला नामांकन के लिए भेजे गए थे.

यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में चुने जाने के लिए कुछ नियम होते हैं इसके लिए कुछ मानक तैयार किये गए हैं. आपको बता दें कि फिलहाल मौजूदा समय में विश्व धरोहरों को चुनने के लिए यूनेस्को 10 पैमानों पर काम करता है जो इन 10 पैमानों पर खरा उतरता है उन स्थलों, इमारतों या फिर स्मारकों को विश्व की धरोहरों की सूची में रखे जाने पर विचार किया जाता है. आपको बता दें कि ऐसा नहीं है कि हमेशा ये 10 पैमाने ही चुने जाने का मानक रहते हैं इन्हें समय-समय पर अपडेट भी किया जाता है. इसके अपडेशन में देश के कई प्रतिनिधि अपना योगदान करते हैं तो आइए आपको बता दें कि वो 10 पैमाने क्या हैं.  

(i) इसके मुताबिक जीवित या खत्म हो चुकी किसी सभ्यता या किसी सांस्कृतिक परंपरा में उस इमारत, स्मारक या स्थल का कोई अनूठापन हो.

(ii) वो इमारत, स्मारक या फिर स्थल मानव रचित बेहतरीन शाहकार हो.

(iii) विचाराधीन स्थल या स्मारक, पुरातत्व कला, तकनीक या शिल्प के विकास पर किसी खास समय के दौरान दुनिया के सांस्कृतिक परिदृश्य में मानवीय मूल्यों का महत्वपूर्ण आदान प्रदान करने वाला रहा हो.

(iv)  किसी सभ्यता का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई भूभाग, समुद्री भाग या पारंपरिक मानवनिर्मित कला का बेहतरीन नमूना हो, या अचल बदलाव के असर के कारण भले ही असुरक्षित हो चुका कोई ऐसा नमूना हो, जिसका पर्यावरण और मानवीयता के बीच कोई खास संबंध रहा हो.

(v)निर्माण का ऐसा बेहतरीन उदाहरण, जो ऐसी वास्तुकला, स्थापत्य कला या तकनीक या प्राकृतिक भूदृश्य का नमूना हो, जो मानवता के इतिहास में किसी उल्लेखनीय चरण को दर्शाता हो.

(vi) बेहतरीन वैश्विक मूल्यों वाले कलात्मक, साहित्यिक काम के साथ किसी विचार, परंपरा या आस्था से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़ा कोई नमूना हो. (यूनेस्को की समिति को निर्देश है कि इस पैमाने को दूसरे पैमानों के साथ जोड़कर ही विचार करे.)

(vii) जीवों व वनस्पति के समुदाय और भूभाग, जल, तट या समुद्री इकोसिस्टम के विकास की प्रक्रिया में जारी इकोलॉजिकल या बायोलॉजिकल प्रक्रिया में कोई प्रतिनिधि या महत्वपूर्ण नमूना हो.

(viii) जीवन के विकास समेत पृथ्वी के इतिहास के किसी खास चरण का प्रतिनिधित्व करने वाली कोई संरचना, जो किसी खास भूभाग के विकास के लिहाज़ से जारी भूगर्भीय प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हो या उसका जियोमोग्राफिक या फिज़ियोग्राफिक महत्व हो.

(ix) जैविक विविधता के यथास्थान संरक्षण के लिए प्राकृतिक हैबिबेट के नज़रिए से महत्वपूर्ण हो. इसमें विज्ञान या संरक्षण के नज़रिए से वैश्विक मूल्यों वाली अस्तित्व के संकट से जूझ रही प्रजातियां भी शामिल हैं.

(x) प्राकृतिक संरचना अद्वितीय श्रेणी की हो या अनूठी सुंदरता या सौंदर्य के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हो.

Source : News Nation Bureau

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