दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 38 ठिकानों पर छापेमारी की है. व्यावसायिक मध्यस्थता और वैकल्पिक विवाद समाधान के क्षेत्र में प्रैक्टिस कर रहे एक वरिष्ठ अधिवक्ता के घर पर छापेमारी की है. आयकर विभाग को संदेह था कि अधिवक्ता विवादों को निपटान कराने के लिए अपने क्लाइंट (ग्राहकों) से पर्याप्त मात्रा नकदी लेता है. छापेमारी में अधिवक्ता के पास से 5.5 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है. इसके अलावा आयकर अधिकारियों ने 10 लॉकरों को अपने नियंत्रण में रखा है.
छापेमारी में बेहिसाब नकद लेन-देन और निवेश से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए हैं. इसके अलावा कई डिजिटल बेहिसाब ट्रांजेक्शन से जुडे डेटा भी अधिकारियों के हाथ लगे हैं. 38 ठिकानों पर की गई छापेमारी में आयकर अधिकारियों को एक अहम जानकारी हाथ लगी है. अधिवक्ता ने एक ग्राहक से 117 करोड़ रुपये नकद लिए जबकि रिकॉर्ड में महज 21 करोड़ रुपये ही दिखाया. अधिवक्ता ने यह 21 करोड़ रुपये की प्राप्ति चेक के जरिए लिया था. एक दूसरे मामले में अधिवक्ता ने इंफ्रास्ट्रक्चर और इंजीनियरिंग कंपनी से 100 करोड़ रुपये नकदी लिया था.
अधिवक्ता ने पीएसयू के साथ आर्बिट्रेशन प्रोसिडिंग के लिए लिया था. छापेमारी में यह बात भी सामने आई. छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को पता चला कि अधिवक्ता ने अपने बेहिसाब धन का निवेश रेसिडेंशियल और कमर्शियल संपत्ति लेने के लिए किया था. यह भी जानकारी सामने आया कि पिछले दो सालों में अधिवक्ता ने 100 करोड़ रुपये से अधिक रुपया पॉश (रिहायशी) इलाकों में निवेश किया था. इसके अलावा अधिवक्ता और उनके सहयोगियों ने स्कूलों और संपत्तियों की खरीद की थी. इसके अलावा कई आवास संपत्तिया भी आरोपी ने खरीदा था.
Source : News Nation Bureau